मृत्यु प्रमाण पत्र पर होनी चाहिए पीएम की तस्वीर – जीतन राम मांझी

प्रधानमंत्री देश में कोरोना के टीकाकरण का श्रेय ले रहे हैं जबकि देश में जिन मरीजों की कोरोना से मौत हुई है
मृत्यु प्रमाण पत्र पर होनी चाहिए पीएम की तस्वीर – जीतन राम मांझी

बिहार में एनडीए के गठबंधन सहयोगियों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एनडीए के गठबंधन सहयोगी जीतन राम मांझी ने टीकाकरण प्रमाणपत्रों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों को लेकर उनकी आलोचना की है। पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) के अध्यक्ष मांझी ने टीकाकरण प्रमाण पत्र पर मोदी की तस्वीर पर गंभीर आपत्ति जताई है।

मांझी ने सोमवार को ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री देश में कोरोना के टीकाकरण का श्रेय ले रहे हैं जबकि देश में जिन मरीजों की कोरोना से मौत हुई है, उनके मृत्यु प्रमाण पत्र पर भी उनकी तस्वीर छपनी चाहिए। यही असली औचित्य होगा।"

रविवार को जीतन राम मांझी ने कहा कि टीकाकरण प्रमाणपत्रों पर राष्ट्रपति या संबंधित राज्यों के सीएम की तस्वीर छपी होनी चाहिए।

मांझी की आपत्ति के बिहार के संदर्भ में बड़े निहितार्थ हैं, खासकर क्योंकि उन्हें सीएम नीतीश कुमार का बहुत करीबी माना जाता है। मांझी ने जदयू द्वारा आवंटित सीटों पर 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा और 4 सीटों पर जीतने में सफल रहे।

झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे विभिन्न गैर-भाजपा शासित राज्यों में वर्तमान में फोटोग्राफ राजनीति चल रही है, जहां संबंधित मुख्यमंत्रियों ने दावा किया है कि उन्होंने अन्य देशों से टीके खरीदे हैं। इसलिए वे इसका श्रेय ले रहे हैं।

नीतीश सरकार में अहम हैं मांझी और सहनी का रोल

बिहार में एनडीए को कुल 125 सीटें मिली हैं। इनमें बीजेपी को 74, जेडीयू को 43, वीआईपी को 4 और हम को 4 सीटें मिली हैं। 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में सरकार बनाने के लिए किसी भी गठबंधन को 122 सीटों की जरूरत है। बीजेपी और जेडीयू की सीटें मिला दें तो 117 सीटें होती हैं। ऐसे में दोनों बड़े दल वीआईपी और हम को इग्नोर कर नहीं चल सकते हैं। क्योंकि सत्ता की चाबी इन्हीं दोनों के पास है।

Like and Follow us on :

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com