PM मोदी ने किया उज्जवला योजना के दूसरे चरण का शुभारंभ, जानिए कैसे करें आवेदन, किसे मिलेगा लाभ

आज PM नरेंद्र मोदी ने उज्जवला योजना (पीएमयूवाई 2.0) के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों से भी बात की।
PM मोदी ने किया उज्जवला योजना के दूसरे चरण का शुभारंभ, जानिए कैसे करें आवेदन, किसे मिलेगा लाभ
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डेस्क न्यूज़- आज PM नरेंद्र मोदी ने उज्जवला योजना (पीएमयूवाई 2.0) के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों से भी बात की। वर्ष 2016 में योजना का पहला चरण उत्तर प्रदेश से ही शुरू किया गया था। उसी वर्ष, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी उज्ज्वला योजना के तहत 1 करोड़ अतिरिक्त एलपीजी कनेक्शन के लिए धनराशि जारी की थी। ये अतिरिक्त कनेक्शन उन गरीब परिवारों को दिए जाएंगे जो उज्ज्वला योजना के पहले चरण में शामिल नहीं हो सके।

उज्ज्वला योजना क्या हैं?

उज्जवला योजना का पहला चरण 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से 'स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन' के नारे के साथ शुरू किया गया था। इसके तहत 5 करोड़ गरीब परिवारों की महिलाओं को गैस कनेक्शन बांटने का लक्ष्य रखा गया था। इस योजना को शुरू करने का उद्देश्य महिलाओं को चूल्हे के धुएं से बचाकर उनके स्वास्थ्य में सुधार करना और एलपीजी के उपयोग को बढ़ाकर प्रदूषण को कम करना था।

अप्रैल 2018 में, सरकार ने महिलाओं की 7 और श्रेणियों को शामिल करने के लिए योजना के लाभार्थियों के कवरेज का विस्तार किया। इनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अंत्योदय अन्न योजना, अति पिछड़ा वर्ग, चाय बागान मजदूर, वनवासी और द्वीपों में रहने वाले लोग शामिल हैं। इसके बाद लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 8 करोड़ हो गई।

दूसरे चरण में नया क्या?

उज्ज्वला के पहले चरण में सरकार रसोई गैस कनेक्शन के लिए 1600 रुपये (जमा राशि) की वित्तीय सहायता प्रदान करती थी। इस योजना के तहत गैस कनेक्शन पाने वाले परिवार भी बिना ब्याज के चूल्हे और सिलेंडर के लिए कर्ज ले सकते हैं। दूसरे चरण में एलपीजी कनेक्शन के अलावा पहले सिलेंडर की रिफिलिंग भी मुफ्त होगी। इसके अलावा गैस चूल्हा भी मुफ्त दिया जाएगा।

दूसरे चरण में आवेदन के लिए जरूरी कागजी कार्रवाई और दस्तावेजों को भी कम कर दिया गया है। केवाईसी के लिए किसी नोटरी या हलफनामे की जरूरत नहीं होगी। साथ ही अगर अन्य जगहों पर रहने वाले लोगों के पास डोमिसाइल सर्टिफिकेट नहीं है तो उन्हें सेल्फ डिक्लेरेशन का भी विकल्प मिलेगा। इस कदम से नौकरीपेशा लोगों और प्रवासी मजदूरों को बड़ी राहत मिलेगी।

किसे मिलेगा योजना का फायदा?

18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं के लिए। महिला नीचे दी गई श्रेणियों में से किसी एक से होनी चाहिए। इस योजना का लाभ उन महिलाओं को मिलेगा, जिसने 18 बर्ष की उम्र पूरी कर ली हो। और इन श्रेणिओं को पूरा करती हो। इसमे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, प्रधान मंत्री आवास योजना (ग्रामीण), अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी), अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई), चाय और पूर्व-चाय बागान जनजाति, वनवासी, एसईसीसी परिवार या द्वीप और नदी द्वीप में 14-बिंदु के अनुसार घोषणा- रहने वाले लोग घर में किसी भी कंपनी का कोई अन्य गैस कनेक्शन नहीं होना चाहिए।

क्या-क्या दस्तावेज जरुरी हैं?

असम और मेघालय को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में eKYC करवाना जरूरी है। पहचान और पते के प्रमाण के लिए आधार कार्ड। (असम और मेघालय के लिए आवश्यक नहीं) राशन कार्ड या परिवार के सदस्यों के नाम वाले दस्तावेज। लाभार्थी और परिवार के वयस्क सदस्यों का आधार कार्ड। बैंक खाता संख्या और IFSC। पासपोर्ट साइज फोटो।
आधार कार्ड में दूसरी जगह का पता होने पर आप वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक स्टेटमेंट, राशन कार्ड, बिजली / टेलीफोन बिल (पिछले 3 महीने तक), पानी का बिल, फ्लैट आवंटन / पजेशन लेटर, एलआईसी पॉलिसी, मकान पंजीकरण दस्तावेज़, लीज एग्रीमेंट का भी उपयोग पते के प्रमाण के रूप में भी किया जा सकता है।

आवेदन की प्रक्रिया

सबसे पहले https://www.pmuy.gov.in/ujjwala2.html वेबसाइट ओपन करें। इसके बाद यहां आपको 3 अलग-अलग गैस कंपनियों- इंडेन, एचपी और भारत गैस का विकल्प दिखाई देगा। अपनी सुविधा के अनुसार जिस कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर आपके घर के पास है, उसके सामने अप्लाई पर क्लिक करें। क्लिक करने के बाद आप कंपनी की वेबसाइट पर रीडायरेक्ट हो जाएंगे। यहां अपने दस्तावेज़ के आधार पर पूरा विवरण दर्ज करें।

ऑनलाइन आवेदन पूरा होने के बाद दस्तावेज़ सत्यापन भी होगा। जो भी दस्तावेज आपने अपलोड किए हैं उन्हें कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर के पास ले जाएं। ध्यान रखें, सभी दस्तावेज मूल होने चाहिए। बिना मूल दस्तावेज के सत्यापन नहीं होगा।

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