बंगाल का चुनाव खत्म होगया है और दीदी का खेला भी लेकिन अंदर ही अंदर दीदी का पार्टी को लेके भी खेला चल रहा हैं वही बीजेपी के कई विधायक अब tmc में भी आने लगे है और जो आ रहे है वह अपनी घर वापसी बता रहे है इसी तरफ प्रशांत किशोर की आई-पीएसी शायद अपने करियर में पहली बार 2026 में अगले विधानसभा चुनाव तक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को रणनीतिक मदद देती रहेगी। यह कदम महत्वपूर्ण है, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस अगले पांच वर्षों में तीन महत्वपूर्ण चुनावों – पंचायत, नगर पालिकाओं एवं निगमों और लोकसभा चुनावों का सामना करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घटती लोकप्रियता के साथ, यह भी उम्मीद की जा रही है कि राजनीतिक रणनीतिकार, जिन्होंने हाल ही में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर (एंटी इन्कंबेंसी) के बावजूद जीत दिलाकर तीसरी बार सत्ता में लाने में मदद की है, ममता बनर्जी को रणनीतिक समर्थन प्रदान करेंगे, ताकि वह केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ एक मजबूत विपक्षी चेहरा बन सकें।
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, " इसमें कोई शक नहीं है कि प्रशांत किशोर और उनकी टीम ने तृणमूल कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। वे जमीनी स्तर पर पहुंचे और पार्टी के लिए रणनीति बनाने से पहले जमीनी हकीकत को समझने की कोशिश की। परियोजनाएं जमीनी स्तर पर पहुंची हैं और लोगों को इससे फायदा हुआ है।"
ममता बनर्जी मुख्य विपक्षी चेहरा बनें और किशोर उस पर भी काम करेंगे।"
उन्होंने कहा, " इसलिए, पार्टी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि प्रशांत किशोर और उनकी टीम अगले पांच वर्षों यानी 2026 के विधानसभा चुनाव तक पार्टी और सरकार के साथ मिलकर काम करेगी। 2024 में लोकसभा चुनाव है और पार्टी चाहती है कि ममता बनर्जी मुख्य विपक्षी चेहरा बनें और किशोर उस पर भी काम करेंगे।"