गुजरात की चेतना ने सड़क हादसों को रोकने के लिए शुरू किया स्टार्टअप, अब कमा रही लाखों

3 साल पहले एक भारतीय विदेशी जोड़े ने पुणे में 'सेफ कैम' नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया था। ये लोग कारों में कैमरा लगाते हैं, जो सड़क हादसों को नियंत्रित करने में काफी हद तक मदद कर रहा है। देश के ज्यादातर राज्यों में इनकी सेवा शुरू हो गई है। ये लोग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं। इससे वे हर महीने एक लाख रुपये से ज्यादा कमा रहे हैं।
Photo  | Dainik Bhaskar
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डेस्क न्यूज़- अक्सर हमारी कार खराब सड़कों पर चलाते समय दुर्घटना का शिकार हो जाती है। कई बार वाहन की स्पीड तेज हो जाती है और अचानक हमारे सामने गड्ढा दिखाई देता है तो हमारा संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे दुर्घटना हो जाती है। कई बार गाड़ी चलाते समय हमारा ध्यान भटक जाता है या हमें झपकी आ जाती है और दुर्घटना हो जाती है। ज्यादातर मामलों में लोगों की जान भी चली जाती है। सेफ कैमरे का स्टार्टअप ।

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'सेफ कैम' की शुरुआत

इसी समस्या को देखते हुए 3 साल पहले एक भारतीय विदेशी जोड़े ने पुणे में 'सेफ कैम' नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया था। ये लोग कारों में कैमरा लगाते हैं, जो सड़क हादसों को नियंत्रित करने में काफी हद तक मदद कर रहा है। देश के ज्यादातर राज्यों में इनकी सेवा शुरू हो गई है। ये लोग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं। इससे वे हर महीने एक लाख रुपये से ज्यादा कमा रहे हैं।

भारत आने के बाद खराब सड़को से परेशान

41 वर्षीय चेतना नायडू के माता-पिता गुजरात के थे, बाद में वे दक्षिण अफ्रीका में बस गए। चेतना दक्षिण अफ्रीका में पली-बढ़ी। वहां उन्होंने सीए की पढ़ाई की और लंबे समय तक काम भी किया। एक तरह से वे वहीं बस गए। चेतना का कहना है कि वह साल 2017 में भारत आई थीं। यहां की सड़कों की हालत देखकर वह काफी परेशान थे। एक बार वह खुद एक सड़क हादसे का शिकार हो गई थीं। हालांकि उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन एक सीख मिली कि ऐसे में उनके लिए यहां रहना आसान नहीं होगा।

ऐसे आया स्टार्टअप का आइडिया

इसके बाद चेतना ने अपने पति वनिश के साथ मिलकर सड़क हादसों को कम करने के लिए शोध करना शुरू किया। काफी खोजबीन के बाद वे इस नतीजे पर पहुंचे कि बाहर के कुछ देशों में विशेष कैमरों की मदद से ऐसे हादसों पर काबू पाया जा रहा है। जिसे डैश कैमरा कहते हैं। उन्होंने यूके से एक डैश कैमरा भी खरीदा। जब वह डैश कैमरा लेकर भारत आई और उसे अपनी कार में लगा लिया तो कई लोगों को उसका आइडिया पसंद आया। परिवार वालों के साथ-साथ उनके दोस्तों ने भी इसकी तारीफ की।

चेतना कहती हैं कि तब पहली बार हमें लगा कि भारत के लोगों के लिए भी इस तरह के कैमरे की जरूरत है। अगर हम यहां के लोगों के इस्तेमाल के लिए कम कीमत में ऐसे कैमरे यहां ला सकते हैं या खुद विकसित कर सकते हैं तो हमें अच्छा रिस्पॉन्स मिल सकता है। हालांकि, भारत जैसे देश में और आम लोगों के इस्तेमाल के लिए ऐसे कैमरों को विकसित करना एक मुश्किल काम था। अगर कैमरा विकसित हो भी जाए तो उसे चलाना भी कम चुनौती भरा काम नहीं होगा।

2018 में मॉडल पर काम करना शुरु किया

काफी विचार-विमर्श के बाद वर्ष 2018 में चेतना ने अपने पति के साथ पुणे में इस मॉडल पर काम करना शुरू किया। उन्होंने भारत के बाहर से कच्चा माल मंगवाया और पुणे में अपना कैमरा बनाया। उसके बाद कुछ महीनों तक ट्रायल मोड पर काम किया। अच्छा रिस्पांस मिलने के बाद अपने मार्केटिंग प्लान पर फोकस करने लगा। माउथ पब्लिसिटी ने शुरू में उनके मार्केटिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद वह सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गईं। ऑफलाइन स्तर पर भी उन्होंने देश के कई शहरों में अपना दायरा बढ़ाया और रिटेल स्तर पर मार्केटिंग शुरू की। उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस को कुछ कैमरे भी मुहैया कराए हैं, ताकि ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की पहचान की जा सके.

कैमरा कैसे काम करता है?

चेतना का कहना है कि फिलहाल हम दो तरह के कैमरों की मार्केटिंग कर रहे हैं। इसमें एक ड्राइवर स्टेट मॉनिटर यानी डीएसएम और दूसरा एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंट सिस्टम यानी एडीएएस है। DSM कैमरा AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी पर आधारित है। यह नियमित रूप से चालक की गतिविधि पर नजर रखता है। यानी जब चालक तेज गाड़ी चला रहा हो, जब वह सो रहा हो या उसका ध्यान इधर-उधर भटक रहा हो। यह कैमरा अपनी पूरी मॉनिटरिंग करता है और पलक झपकते ही ड्राइवर को अपनी चेतावनी भी देता है। ताकि चालक समय रहते सतर्क हो जाए और दुर्घटना से बचा जा सके।

ADAS कैमरा एडवांस लेवल पर करता हैं काम

जबकि ADAS कैमरा एडवांस लेवल पर जाकर काम करता है। यह ड्राइवर को पहले ही अलर्ट कर देता है कि सामने की सड़क कहां खराब है या सामने क्या है जिससे टक्कर हो सकती है। यह उस वस्तु से दूरी भी बताता है। वहीं दूर खराब सड़क की साफ तस्वीर भी ड्राइवर को पहले ही बता देती है। जिससे चालक समय रहते वाहन को नियंत्रित कर सके। कई बार ऐसा होता है कि हमारी गाड़ी की स्पीड ज्यादा होती है और अचानक कोई मोड़ या ऐसा कुछ सामने आ जाता है, जिससे दुर्घटना हो जाती है. ऐसे में यह कैमरा ड्राइवर को पहले ही अलर्ट कर देता है।

कैसे लगवा सकते हैं कैमरा?

चेतना का कहना है कि फिलहाल हम ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों प्रकार से पर मार्केटिंग कर रहे हैं। हमने देश के कई शहरों में रिटेल आउटलेट्स और डीलर्स के साथ टाइअप किया है। वे हमारे उत्पादों की मार्केटिंग खुद के जरिए करते हैं। इसके साथ ही, ऑनलाइन स्तर पर, हम अपने कैमरों की मार्केटिंग अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया के साथ-साथ Amazon और Flipkart के माध्यम से भी करते हैं। वर्तमान में हमारे उत्पाद की मूल्य सीमा 7,999 रुपये से लेकर 49,999 रुपये तक है।

हम प्रत्येक कैमरे के साथ उपयोगकर्ता को एक गाइड भी भेजते हैं ताकि लोग आसानी से अपनी कार में कैमरा स्थापित कर सकें। अगर यूजर गाइड पढ़ने के बाद भी इंस्टाल करने में कोई दिक्कत आती है तो ग्राहक वीडियो की सहायता से आसानी से इंस्टाल कर सकता है । इसके बाद भी अगर किसी को कैमरा इंस्टॉल करने में दिक्कत आ रही हो तो हम लोकल लेवल पर मैकेनिक भी प्रोवाइड कराते हैं।

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