कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग को लेकर संसद परिसर में किसानों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। राहुल गांधी ने पार्टी के कई सांसदों के साथ संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया।
कांग्रेस नेताओं ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी के कई सीमाओं के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान समूहों ने पहले कहा था कि वे मानसून सत्र के अंत तक हर दिन 'किसान संसद' आयोजित करेंगे, और 200 प्रदर्शनकारी रोजाना जंतर-मंतर पर जाएंगे।
डीडीएमए की मंजूरी के अनुसार, किसानों को जंतर मंतर पर 22 जुलाई से 9 अगस्त तक अधिकतम 200 लोगों की उपस्थिति के साथ धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति होगी।
डीडीएमए के आदेश के बाद, दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर और दिल्ली की तीन सीमाओं – टिकरी, सिंघू और गाजीपुर पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
संसद से अपील करेंगे कि 'किसान संसद' की बात मानकर कानून खारिज करे।'
वही किसानों की मांग है कि 3 काले कानून को रद्द किया जाए। नरेंद्र मोदी, तोमर साहब और उनके बाकी सभी साथी यही कह रहे हैं कि इन 3 कानूनों से कोई नुकसान नहीं है और उसमें क्या कमियां है वो बता दीजिए। हमने पहले भी बताया है और आज भी हम चर्चा करने के लिए तैयार हैं: मल्लिकार्जुन खड़गे,कांग्रेस
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सांसद किसानों के हक में संसद के भीतर आवाज नहीं उठाते तो चाहे वह किसी भी दल के हों, उनके क्षेत्र में उनका पुरजोर विरोध होगा। मोल्लाह ने कहा कि 'आज 3 कानूनों के पहले कानून APMC पर चर्चा हुई। इसके बाद हम कानून को संसद में खारिज करेंगे और संसद से अपील करेंगे कि 'किसान संसद' की बात मानकर कानून खारिज करे।'
इससे पहले केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने गुरुवार को कहा कि उन्हें आशंका है कि सरकार इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए उनकी जासूसी करवा रही है। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, ''यह एक अनैतिक सरकार है। हमें अंदेशा है कि हमारे नंबर उन लोगों की सूची में शामिल हैं, जिनकी जासूसी करायी जा रही है।'' उन्होंने आरोप लगाया, ''जासूसी के पीछे सरकार है। यह स्पष्ट है और यह मुद्दा जोर पकड़ रहा है।