राजस्थान सरकार कोरोना को लेकर वैक्सीनेशन को गति देने तथा वैक्सीन की उपलब्धता
सुनिश्चित करने के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित करने जा रही है।
इससे विदेशी वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन की 1 करोड़ डोज खरीदी जा सकेंगी।
यह खरीद जल्द से जल्द हो, इसके लिए नेशनल हैल्थ मिशन को नोडल एजेंसी बनाकर शीघ्र ही एक्सप्रेशन
ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी किया जाएगा। यह फैसला गहलोत मंत्रिपरिषध की बैठक में लिया गया ।
गहलोत मंत्रिपरिषद ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कोरोना संक्रमण का तेजी से प्रसार हो रहा है।
देशभर में बड़ी संख्या में मौतें भी हो रही हैं। लेकिन केंद्र सरकार से वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति
सुनिश्चित नहीं होने से टीकाकरण की गति काफी धीमी हो गई है।
वैक्सीन की कमी के कारण प्रदेश में 18 से 44 आयु वर्ग के लिए तो वैक्सीनेशन कुछ ही स्थानों पर शुरू हो पाया है,
जबकि दूसरी घातक लहर युवाओं को अधिक संक्रमित कर रही है।
ऎसे में जीवन रक्षा के लिए वैक्सीनेशन को गति देना बेहद जरूरी है।
मंत्रिपरिषद ने इसके लिए विदेशी कंपनियों से वैक्सीन खरीद के लिए ग्लोबल टेंडर पर सहमति व्यक्त की।
बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि केंद्र सरकार द्वारा युवा वर्ग के लिए निःशुल्क वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण राज्य सरकार ने स्वयं के संसाधनों से करीब 3 हजार करोड़ रूपए व्यय कर निःशुल्क टीकाकरण का निर्णय किया है। ऎसे में तमाम प्रयास कर प्रदेश की इस युवा आबादी का टीकाकरण जल्द से जल्द कराया जाना बेहतर होगा।
मंत्रिपरिषद ने संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए विभिन्न जीवन रक्षक दवाओं, ऑक्सीजन कॉन्सन्टे्रटर, मेडिकल उपकरण आदि की खरीद तथा ऑक्सीजन परिवहन के लिए वित्तीय प्रक्रियाओं में शिथिलता के प्रस्तावों का भी अनुमोदन किया। इससे इन आवश्यक दवाओं तथा उपकरणों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने में आसानी होगी और रोगियों को समय पर समुचित उपचार मिल सकेगा।
कोविड में आपातकालीन प्रयोग के लिए मंजूर की गई औषधि 2डीजी, केसीरीविमेब एवं इम्डीविमेब आदि के बाजार में उपलब्ध होने पर निर्माता कंपनी से सीधे ही उपापन करने तथा भविष्य में कोरोना की अन्य दवाओं को भी सीधे क्रय किए जाने के प्रस्ताव का भी बैठक में अनुमोदन किया गया।