राजनेताओं की कथित तौर पर बड़े पैमाने पर जासूसी को लेकर चल रहे विवाद के बीच जब आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव पेगासस परियोजना पर एक बयान पढ़ रहे थे, तब तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने मंत्री के हाथ से रिपोर्ट छीन ली और उसे फर्श पर फाड़कर फेंक दिया। पत्रकार से भाजपा सांसद बने स्वपन दासगुप्ता ने कहा, "टीएमसी के कुछ सांसदों ने मंत्री के हाथ से पेपर लिया और फाड़ दिया।"
उन्होंने कहा, "यह अस्वीकार्य है।" तृणमूल सांसद शांतनु सेन को राष्ट्रीय टेलीविजन पर मंत्री के हाथ से रिपोर्ट छीनते, फाड़ते और फिर कटे हुए टुकड़ों को हवा में फेंकते देखा गया।
वही विपक्षी दलों के हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है, जबकि लोकसभा में मानसून सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे एवं नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।
पहली बार पूर्वाह्न 11 बजे और दूसरी बार मध्याह्न 12 बजे के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे जैसे ही शुरू हुई, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदल, वाईएसआर कांग्रेस, शिवसेना, शिरोमणि अकाली दल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी आदि विपक्षी दलों के सदस्य सदन के बीचोंबीच आकर नारेबाजी करने लगे।
वे सरकार पर लगे फोन टैपिंग के जरिये जासूसी कराने के आरोपों, महंगाई, किसानों से जुड़े मसलों तथा अन्य मुद्दों को लेकर हंगामा कर रहे थे। पीठासीन सभापति भर्तृहरि मेहताब ने सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर जाने का आग्रह किया, लेकिन सदस्य नहीं माने और हंगामा जारी रखा। इसके बाद श्री मेहताब ने सदन की कार्यवाही चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।