सरकार विपक्षी दलों के लगातार हंगामे के बावजूद ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स बिल, 2021 को निचले सदन में पारित करावना चाहती है। सरकार इस बिल के अलावा सिनेमैटोग्राफ अधिनियम 1952, सीमा शुल्क अधिनियम, 1962, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण अधिनियम 1994, व्यापार चिह्न् अधिनियम, 1999 और पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2001 और कुछ अन्य अधिनियमों में और बिलों में संशोधन करने के प्रयास जुटी है।
इसके अलावा, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को सिफारिशों पर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर गृह मामलों की स्थायी समिति की 228वीं रिपोर्ट में निहित सिफारिशो और टिप्पणियों के कार्यान्वयन की स्थिति के बारे में एक बयान देना है। गृह मंत्रालय से संबंधित 'दिल्ली में बिगड़ती यातायात स्थिति के प्रबंधन' पर समिति की 222 वीं रिपोर्ट में निहित टिप्पणियां, और राज्य मंत्री अजय कुमार को 224 वीं रिपोर्ट में निहित सिफारिशों के कार्यान्वयन की स्थिति के बारे में एक बयान देना है। गृह मंत्रालय से संबंधित अनुदान मांगों पर गृह मामलों की स्थायी समिति (2020-2021) का भी बयान देना है।
विपक्ष के लगातार विरोध के कारण सोमवार को संसद का मानसून सत्र तीन बार बाधित हुआ, जो कोरोनोवायरस (कोविड -19) महामारी, कृषि कानून और पेगासस स्नूपिंग विवाद सहित कई मुद्दों पर सरकार पर निशाना बना रहे है।
इस बीच, लोकसभा ने सोमवार को सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक पारित किया, जो देश के सामान्य बीमा कानून में संशोधन करने और सरकार को राज्य-शासित बीमा निगमों में अपनी हिस्सेदारी बेचने की अनुमति देता है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, जासूसी और कृषि कानूनों सहित मुद्दों पर विपक्ष के लगातार व्यवधान के कारण 13 अगस्त को समाप्त होने वाले मानसून सत्र में अब तक निर्धारित कुल 107 घंटों में से संसद केवल 18 घंटे ही चल पाई है।
इससे करदाताओं के 133 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इस बीच, लोकसभा और राज्यसभा ने पिछले सप्ताह तक अपने कुल निर्धारित समय के केवल 13 प्रतिशत और 21 प्रतिशत के लिए काम किया है।