भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आईएएनएस से ट्रिपल 'टी फार्मूला' के बारे में बताया कि "जो किसान खेत मे काम करता है वही आकर सरहद पर टैंक चलाते हैं। साथ ही वही व्यक्ति खेत में ट्रैक्टर भी चलाते हैं। हमारे देश में बहुत फौजी है, जो खेत मे ट्रैक्टर, सरहद पर टैंक और फोन में ट्विटर चलाते हैं, यही है ट्रीपल टी फार्मूला। इससे आंदोलन के साथ-साथ देश को भी फाएदा होगा।"
यदि किसान ट्रैक्टर चलाना भूल गया तो खेती हो जाएगी क्या? वहीं सरहदों पर फौजी टैंक चलाना भूल गया तो सुरक्षा कैसे होगी? जितनी मजबूती से किसान अनाज पैदा करता है] उतनी ही मजबूती से टैंक चलाता है। वहीं अपनी बात कहने के लिए ट्विटर का भी इस्तमाल हो।"
टिकैत के अनुसार, तीनों कृषि कानून के माध्यम से सरकार ने कॉरपोरेट्स को किसानों की लूट करने के लिए रास्ता दिया है, अगर यह कृषि कानून होते तो अब तक वापस ले लिए जाते लेकिन यह व्यापारी के कानून हैं इसलिए सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है।
वहीं एक बार फिर विभिन्न राज्यों से हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर चल आंदोलन मे शामिल हो रहे हैं। दरअसल, तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम,2020; मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम,2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम,2020पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं।