सच्ची आजादी तभी है जब महिलाएं रात में घर से बाहर निकल सकें :जगनमोहन रेड्डी

सरकार और पुलिस विभाग को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।"
सच्ची आजादी तभी है जब महिलाएं रात में घर से बाहर निकल सकें :जगनमोहन रेड्डी

देश में जिस तरीके से दुष्कर्म और हत्या के मामले बढ़ रहे है उसके बाद कानून व्यवस्था पर तो हमेशा से ही सवाल खड़े होते है लेकिन देश में क्राइम पर लगाम ना लगाना यह सबसे बड़ी सरकार की नाकामी है वही हाल ही में जगमोहन रेड्डी का एक बड़ा बयान सामने आया है। कृष्णा नदी के तट पर हुए बलात्कार की निंदा करते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि सच्ची आजादी तभी मिलती है जब महिलाएं आधी रात को स्वतंत्र रूप से चल सकें।

रेड्डी ने कहा, "मेरा ²ढ़ विश्वास है कि सच्ची स्वतंत्रता तभी प्राप्त होती है जब महिलाएं बिना किसी डर के आधी रात को स्वतंत्र रूप से चल सकें।"

उन्होंने कहा कि सीतानगरम पुष्कर घाट की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे वह नाराज हैं।

सीएम ने कहा, "ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। सरकार और पुलिस विभाग को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।"
महिलाओं के रक्षक के रूप में, रेड्डी ने कसम खाई कि वह भविष्य में ऐसी चीजों को रोकने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे

छात्रों से 3 किमी की दूरी के भीतर स्थित होने चाहिए।

वही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार को आश्वासन दिया कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने की प्रक्रिया में राज्य के स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों से एक भी कर्मचारी को नहीं हटाया जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि कोई भी आंगनवाड़ी केंद्र बंद नहीं किया जाएगा और स्पष्ट किया कि शिक्षा प्रणाली में बदलाव इन दो कारकों को ध्यान में रखकर लागू किया जा रहा है।

रेड्डी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दो तरह के स्कूल स्थापित किए जाएं। प्रारंभिक कक्षा 1 और 2 वाली पहली कक्षा छात्रों से एक किलोमीटर की दूरी के भीतर होनी चाहिए। कक्षा 3 से कक्षा 10 तक के अन्य विद्यालय छात्रों से 3 किमी की दूरी के भीतर स्थित होने चाहिए।

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