कोरोना काल में 24 घंटे के अंदर ही तीन भाइयों की मौत हो गई। हालांकि, 53, 50 और 45 वर्ष की आयु के तीनों भाई निमोनिया से पीड़ित थे।
परिवार ने कहा कि कोविड का इलाज नहीं करवाने के कारण हालत बिगड़ने से उनकी मौत हो गई।
डॉक्टरों के अनुसार, भाइयों को निमोनिया था और उनकी स्थिति तेजी से बिगड़ रही थी।
सांस फूलने की शिकायत के बाद उनकी मौत हो गई।
जबकि सबसे बड़े भाई की घर पर ही मौत हो गई जबकि दो अन्य की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
सूत्रों ने कहा कि उनकी कोविड-19 रिपोर्ट नेगेटिव निकली थी,
लेकिन परिवार के सदस्यों को एहतियात के तौर पर घर पर ही आइसोलेट कर दिया गया था और क्षेत्र को सील कर दिया गया था।
एक निजी अस्पताल में दो भाइयों का इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा, "जब उन्हें यहां लाया गया था, तो उनकी हालत गंभीर थी। हमनें तुरंत उन्हें ऑक्सीजन पर रखा और उन्हें ठीक करने की कोशिश की। वे पिछले एक सप्ताह से बीमार थे और घर पर ही रहकर उपचार करा रहे थे और काम भी कर रहे थे। बीमार होने पर हम लोगों को उचित इलाज करवाने और पर्याप्त आराम करने की सलाह देते हैं।"
वही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं को ऑक्सीजन देने के लिए DRDO (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन) ने कमर कस ली है। DRDO के स्थलीय निरीक्षण के बाद गोमती नगर विस्तार में शहीद पथ स्थित अवध शिल्प ग्राम में 250 बेड का अस्थाई अस्पताल बनाने को हरी झंडी मिल गई है।
इस बाबत प्रभारी जिला अधिकारी रोशन जैकब ने जमीन के अधिग्रहण किए जाने का आदेश जारी किया है। उम्मीद यह जताई जा रही है कि अगले कुछ ही दिनों में यह अस्पताल तैयार कर दिया जाएगा।
लखनऊ में संक्रमण के हालात बेकाबू है। संक्रमण की पहली लहर में जहां आंकड़े 1200-1300 के बीच रहते थे, लेकिन इस बार एक दिन में 5 हजार से अधिक संक्रमित सामने आ रहे हैं। मौत का आंकड़ा भी हर दिन अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ रहा है। नतीजा लखनऊ सांसद और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता की थी। इसके बाद DRDO को मेडिकल सहायता दिए जाने के लिए कहा गया।