छोटे भाई की जिद्द पर इंजीनियर ने बनाई ई साइकिल, फिर उसे बिजनेस में बदला, अब सालाना कमा रहे 12 लाख रुपये

वडोदरा के विवेक ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। साल 2017 में उन्होंने कॉलेज के फाइनल ईयर के प्रोजेक्ट में इलेक्ट्रिक बाइक डिजाइन की थी। जजों के एक पैनल ने विवेक के प्रोजेक्ट की बहुत तारीफ की और उन्हें प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए कहा।
Photo | Dainik Bhaskar
Photo | Dainik Bhaskar

डेस्क न्यूज़- पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। दिन-ब-दिन कीमत बढ़ती जा रही है। इसका सीधा असर हमारी जेब पर पड़ रहा है। जो लोग अपने काम के लिए या ऑफिस के लिए पेट्रोल वाहनों का इस्तेमाल करते हैं, उन पर अतिरिक्त खर्च का बोझ बढ़ता जा रहा है। ऊपर से पर्यावरण को अलग-अलग नुकसान हो रहा है। ऐसे में अब इलेक्ट्रिक बाइक और साइकिल की मांग बढ़ रही है। कई बड़ी कंपनियां इस तरह के ई व्हीकल बना रही हैं। ऐसा ही एक स्टार्टअप वडोदरा के रहने वाले विवेक पगेना ने शुरू किया है। इससे वह हर महीने एक लाख रुपये कमा रहे हैं।

Photo | Dainik Bhaskar
Photo | Dainik Bhaskar

यहां से शुरु हुआ सफर

वडोदरा के गोत्री रोड निवासी 25 वर्षीय विवेक ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। साल 2017 में उन्होंने कॉलेज के फाइनल ईयर के प्रोजेक्ट में इलेक्ट्रिक बाइक डिजाइन की थी। जजों के एक पैनल ने विवेक के प्रोजेक्ट की बहुत तारीफ की और उन्हें प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए कहा। तो विवेक अपनी इलेक्ट्रिक बाइक लेकर सयाजी स्टार्टअप में चले गए। वहां भी उनके इलेक्ट्रिक बाइक प्रोजेक्ट की खूब तारीफ हुई और यहीं से उनका सफर शुरू हुआ।

फंड की कमी की वजह से बंद करना पड़ा था स्टार्टअप

विवेक कहते हैं कि जब मैंने इलेक्ट्रिक बाइक बनाई तो मुझे मार्केटिंग का अनुभव नहीं था, लेकिन मैंने फ्लैश मोटरबाइक नाम से एक स्टार्टअप शुरू करने का फैसला किया। हालाँकि, धन की कमी के कारण, मुझे इस परियोजना को शुरू करने से पहले रोकना पड़ा। उसके बाद मैंने 2 साल तक डिज़ाइन इंजीनियर के रूप में काम किया जहाँ मैंने इलेक्ट्रिक पैनल डिज़ाइन किए।

दुबई में अपने मामा के लिए बनाई साइकिल

ई-साइकिल को लेकर विवेक का कहना है कि एक दिन मेरे छोटे भाई ने स्कूल जाने के लिए स्कूटर लेने की जिद की। इसलिए मैंने उनकी पुरानी साइकिल को इलेक्ट्रिक साइकिल में बदल दिया। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई इस साइकिल की तस्वीरों को रिश्तेदारों और दोस्तों ने खूब पसंद किया। दुबई की एक कंपनी में काम करने वाले मेरे मामा ने मुझे दुबई में अपनी कंपनी के लिए साइकिल बनाने के लिए बुलाया और मैंने उस कंपनी के लिए इलेक्ट्रिक साइकिल तैयार की। तभी मैंने भारत में और अधिक इलेक्ट्रिक साइकिल स्टार्टअप शुरू करने के बारे में सोचा।

पेडो इलेक्ट्रा कंपनी की शुरुआत

विवेक बताते हैं कि दुबई से भारत आने के बाद मैंने पेडो इलेक्ट्रा नाम की कंपनी शुरू की, लेकिन उस नाम का ट्रेडमार्क नहीं मिला। उसके बाद मैंने इसका नाम ओडो बाइक रखा और अब मैं इसी नाम से एक स्टार्टअप चला रहा हूं। सबसे पहले मुझे यूनाइटेड वे ऑफ बड़ौदा के गरबा में पहलवानों को पुरस्कार देने के लिए 10 साइकिल बनाने का बड़ा ऑर्डर मिला। इस तरह धीरे-धीरे मेरी साइकिल की बिक्री बढ़ने लगी और एक दिन में 3 से 4 ऑर्डर मिलने लगे। हालांकि कोरोना के लॉकडाउन के कारण बिक्री में गिरावट आई, लेकिन मैंने उस दौरान भी साइकिल का निर्माण जारी रखा।

ऑफलाइन और ऑनलाइन मार्केटिंग

विवेक ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में मार्केटिंग कर रहे हैं। इसे देश में कहीं से भी ऑर्डर किया जा सकता है। वे सोशल मीडिया के साथ-साथ फ्लिपकार्ट, अमेजन, इंडिया मार्ट जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए अपने उत्पाद की मार्केटिंग कर रहे हैं। ऑफलाइन के लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, दक्षिण भारत समेत कई राज्यों में डीलरशिप चेन बनाई है। वहीं से ई साइकिल भी खरीदी जा सकती है। वे कई और राज्यों में भी अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं।

उसने डिलीवरी के लिए कुछ ट्रांसपोर्टिंग कंपनियों के साथ करार किया है। इसके लिए ग्राहक को एक यूजर गाइड दिया जाता है ताकि वे इसे खुद इंस्टाल कर सकें। अगर कोई दिक्कत आती है तो वीडियो कॉल के जरिए या स्थानीय स्टाफ को भेजकर उसे दूर करने का प्रयास किया जाता है।

Like and Follow us on :

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com