एनएचएम कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर भर्ती को लेकर भले ही सियासत शुरू हो गई हो, लेकिन हकीकत यह है कि इस भर्ती को लेकर विवाद होने से फिलहाल कम्यूनिटी हैल्थ वर्कर के 2500 पदों पर भर्ती अटक गई है । साथ ही अब भर्ती रद्द होने से राजस्थान को करीब 600 करोड़ रुपए का नुकसान होना तय माना जा रहा है।
इस पूरे मामले को लेकर मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. समित शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने ही पीआईपी में इन भर्तियों को लेकर स्वीकृति दी थी। लेकिन चुनाव आचार संहिता के चलते कुछ दिनों के लिए यह भर्ती प्रक्रिया लेट हो गई। जहां तक स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा तक इस भर्ती प्रक्रिया की सूचना नहीं पहुंचने का मामला है, तो कम्युनिकेश गैप और आचार संहिता के चलते सूचना नहीं पहुंच सकी थी।
हालांकि केंद्र सरकार ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के बावजूद चुनाव आयोग से किया आग्रह था । इसके बाद चुनाव आयोग की हरी झंडी के बाद सभी राज्यों को भर्तियां पूरी करने के निर्देश दिए गए थे।
डॉ. समित शर्मा ने कहा कि भर्ती की प्रक्रिया को छुपाने की बातें पूरी तरह निराधार है। बाकायदा समाचार पत्रों में भर्ती को लेकर आचार संहिता के दौरान विज्ञप्ति 16.5.19 को जारी की गई थी साथ ही वेबसाइट पर सूचना भी दी गई थी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार और राज्य सरकार की सक्षम स्वीकृति के उपरांत ही ऑन लाइन आवेदन मांगे गए थे ।
डॉ. शर्मा ने स्वयं के किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार से सरोकार होने से किया इनकार, किसी भी प्रकार के साक्ष्य न होने पर भी आरोप लगाए जाने को बताया गलत।
वहीं डॉ. समित शर्मा ने एक मीडिया कर्मी द्वारा इंटरव्यू के दौरान गलती स्वीकार करने व माफी मांगने की बात के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने बातचीत के दौरान ऐसा कुछ नही कहा।