न्यूज – निर्भया मामले में चारों दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता की उस याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि 16 दिसंबर, 2012 को घटना के दौरान मौजूद गवाह का बयान विश्वसनीय नहीं है। इससे पहले इसी साल जनवरी में दोषी पवन के पिता की इसी याचिका को दिल्ली की निचली अदालत ने भी सुनवाई से इनकार कर दिया था। दोषी की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि वह एक गवाह है और इस मामले में उसका बयान विश्वसनीय नहीं था।
कोर्ट द्वारा जारी चौथे वारंट के मुताबिक, आगामी 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे चारों को एक साथ तिहाड़ जेल संख्या-3 में फांसी दी जाएगी।
तिहाड़ जेल प्रशासन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, 20 मार्च को होने वाली फांसी के लिए एक बार फिर से तैयारी की जा रही है। इसके लिए फांसी का अंतिम ट्रायल भी होना है। ऐसे में फांसी से तीन दिन पहले यानी 17 मार्च को मेरठ से जल्लाद पवन को भी बुला लिया जाएगा और फांसी से एक दिन पहले अंतिम ट्रायल होगा।
फांसी से पहले दोषियों के वजन समेत स्वास्थ्य के अन्य पहलुओं पर तिहाड़ जेल प्रशासन कड़ी नजर रख रहा है। खासकर वजन पर, क्योंकि फांसी के दौरान वजन बेहद अहम होता। वजह के हिसाब से फांसी के फंदे का साइज तय होता है। स्वास्थ्य पर बारीक नजर रखने के लिए सीसीटीवी फुटेज रोजान देखे जा रहे हैं।
तिहाड़ जेल में पहली बार चार दोषियों को एक साथ फांसी दी जाएगी। उत्तर भारत में यह मौका है, जब एक साथ चार लोग फांसी पर चढ़ाए जाएंगे। इससे पहले महाराष्ट्र के अभयंकर-जोशी हत्याकांड मामले में चार लोगों को एक साथ फांसी दी गई थी।