फैक्ट चेक: केरल में गणेशोत्सव के दौरान पुलिस ने हटाई भगवान गणेश की मूर्ति? जानें क्या हैं सच

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है किभगवान गणेश की एक छोटी मूर्ति को जमीन पर रखकर पूजा कर रहे हैं, और पुलिस उसको उठाकर ले जा रही है। एक पुलिसकर्मी गणेश जी की मूर्ति को छीनने की कोशिश करता है, इस बीच वहां मौजूद लोग उस पुलिसकर्मी से मूर्ति छीनने की कोशिश करते हैं।
फैक्ट चेक: केरल में गणेशोत्सव के दौरान पुलिस ने हटाई भगवान गणेश की मूर्ति? जानें क्या हैं सच
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डेस्क न्यूज- सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है किभगवान गणेश की एक छोटी मूर्ति को जमीन पर रखकर पूजा कर रहे हैं, और पुलिस उसको उठाकर ले जा रही है। एक पुलिसकर्मी गणेश जी की मूर्ति को छीनने की कोशिश करता है, इस बीच वहां मौजूद लोग उस पुलिसकर्मी से मूर्ति छीनने की कोशिश करते हैं। हटाई भगवान गणेश की मूर्ति ?

वायरल विडियो में क्या है दावा

दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो केरल का है। जहां हिंदुओं को गणेशोत्सव मनाने तक की इजाजत नहीं है। इस वीडियो को शेयर करते हुए कई यूजर्स ने लिखा, केरल में गणेशोत्सव के दौरान यह स्थिति हुई है। हिन्दू अपने देश में त्योहार भी नहीं मना सकता।

क्या है सच?

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने इससे जुड़े कीवर्ड्स को गूगल पर सर्च किया। सर्च रिजल्ट में, हमें यह वीडियो हिंदू टुडे नाम के एक यूट्यूब चैनल पर समाचार के साथ मिला। वीडियो के शीर्षक में लिखा है, हैदराबाद के रक्षापुरम इलाके में पुलिस अधिकारी ने भगवान गणेश की मूर्ति को हटाया। इस वीडियो में वायरल वीडियो की क्लिप के साथ खबर को तेलुगु भाषा में बताया गया है।

देखे वीडियो

जांच के अगले चरण में हैदराबाद के रक्षापुरम इलाके के संतोष नगर पुलिस स्टेशन से संपर्क किया। एक अधिकारी ने बताया कि 10 सितंबर का यह मामला रक्षापुरम कॉलोनी का है। जहां कॉलोनी की खाली जमीन पर गणेश स्थापना को लेकर दो गुटों में विवाद हो गया। इसकी जानकारी मिलते ही हमने वहां जाकर इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।

रक्षापुरम कॉलोनी की खाली जमीन विवाद में है, इसलिए वहां गणेश को स्थापित करने से रोक दिया गया। इस पूरे मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा झूठा है। यह वीडियो केरल का नहीं बल्कि हैदराबाद का है। वहीं, वीडियो में दिख रहे मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

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