देश में कोरोना ने कितने बच्चों को अनाथ किया इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते; सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह इसकी कल्पना तक नहीं कर सकता कि कोविड-19 के कारण इतने बड़े देश में कितने बच्चे अनाथ हो गए।
देश में कोरोना ने कितने बच्चों को अनाथ किया इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते; सुप्रीम कोर्ट

डेस्क न्यूज़: सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों के अनाथ होने पर चिंता व्यक्त की है। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि हम कल्पना नहीं कर सकते कि इतने बड़े देश में कितने बच्चे इस महामारी से अनाथ हो गए होंगे। हमारे पास सटीक संख्या नहीं है। कोर्ट ने राज्य सरकारों से कहा, 'उम्मीद है कि सड़क पर भूखे रहने वाले बच्चों की परेशानी आप समझेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने जिलों के अधिकारियों को अदालतों के आदेश का इंतजार नहीं करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा, उन्हें तत्काल प्रभाव से उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करना चाहिए।

न्यायालय ने कहा, ''हमने कहीं पढ़ा था कि महाराष्ट्र में 2,900 से अधिक बच्चों ने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता में से किसी एक को या दोनों को खो दिया है। हमारे पास ऐसे बच्चों की सटीक संख्या नहीं है। हम यह कल्पना भी नहीं कर सकते कि इस विध्वंसकारी महामारी के कारण इतने बड़े देश में ऐसे कितने बच्चे अनाथ हो गए।''

बाल आयोग के पोर्टल पर बच्चों की जानकारी अपलोड करें: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे मार्च 2020 के बाद अनाथ हुए बच्चों की तत्काल प्रभाव से पहचान करें। उन्हें सुरक्षा और सहायता प्रदान करें। बाल आयोग के पोर्टल पर बच्चों की जानकारी अपलोड करें। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने सुनवाई के दौरान निर्देश दिए। इससे पहले जस्टिस गौरव अग्रवाल ने महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों को लेकर एक अर्जी दाखिल की थी।

उसने कहा, ''हमारा मानना है कि केंद्र और राज्य सरकार महामारी के कारण अपने माता-पिता में से किसी एक को या दोनों को खोने वाले बच्चों की पहचान पर ताजा जानकारी हासिल करें और उनकी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए कदम उठाए।''

चाइल्ड केयर सर्विस को टीकाकरण में प्राथमिकता दी गई है

न्यायाधीश नागेश्वर राव ने कहा कि इस दौरान कई बच्चे अनाथ हो गए हैं। उन्होंने अखबार में पढ़ा है, सरकार कह रही है कि 577 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने माता-पिता को खो दिया है। जबकि उन्होंने यह भी पढ़ा है कि महाराष्ट्र में 2900 बच्चों ने अपने माता-पिता या दोनों को खो दिया है। केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को बताया कि सरकार ने इस संबंध में सभी राज्यों को एडवाइजरी और निर्देश जारी किए हैं। इतना ही नहीं सरकार ने अस्पताल में भर्ती होते वक्त माता-पिता से यह घोषणा लेने को भी कहा है कि उनके छोटे बच्चे किसके पास रहेंगे उनका संपर्क नंबर दें। चाइल्ड केयर सर्विस को टीकाकरण में प्राथमिकता दी गई है और करीब 50 फीसद स्टाफ का टीकाकरण हो चुका है।

Like and Follow us on :

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com