पीएम मोदी की चुनौती : आज विश्व विस्तारवाद नहीं, विकासवाद के प्रति समर्पित

सैनिकों से बोले, आपका ये हौसला, शौर्य और समर्पण देश के लिए अतुलनीय, आपने दुनिया में भारत की ताकत का संदेश दिया। राष्ट्र रक्षा से जुड़े किसी लीडर के बारे में सोचता हूं तो मैं सबसे पहले दो माताओं का स्मरण करता हूं। पहली- हम सभी की भारत माता, दूसरी- वे वीर माताएं जिन्होंने आप जैसे योद्धाओं को जन्म दिया
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लद्दाख. पीएम नरेंद्र मोदी ने गलवान झड़प के 18 दिन बाद गुरुवार को अचानक लद्दाख का दौरा किया। यहां पीएम मोदी चीन का नाम लिए बिना कहा कि विस्तारवाद ने ही मानव जाति का विनाश किया है, इतिहास बताता है कि ऐसी ताकतें हमेशा के लिए मिट जाती हैं और मिट भी गईं।

पीएम मोदी  ने लद्दाख में जवानों से गर्मजोशी से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया। वहीं अस्पताल जाकर घायलों से भी मिले। जवानों के बीच रामधारी सिंह दिनकर की कविता की पंक्तियां भी पढ़ीं, ''उनके सिंहनाद से सहमी धरती रही अभी तक डोल, कलम आज उनकी जय बोल।''

जवानों के बीच मोदी की 6 महत्वपूर्ण बड़ी बातें

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PM नरेंद्र मोदी आपके शौर्य का कोई सानी नहीं

आपका ये हौसला, शौर्य और समर्पण अतुलनीय है। आपकी जीवटता भी दुनियाभर में किसी से भी कम नहीं है। इन कठिन परिस्थितियों में भी जिस ऊंचाई पर आप भारत की मां की सेवा शिद्दत से करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता है। आपका साहस उन ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां आप अभी तैनात हैं।

देश को आप पर अटूट विश्वास

आप जवानों की भुजाएं उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके चारों ओर खड़ी हैं। आपकी इच्छा शक्ति भी पर्वतों जैसी अटल है। आपके बीच आकर मैं यही महसूस कर रहा हूं। मुझे ही नहीं पूरे देश को आप जवानों पर अटूट विश्वास है कि आप जब सरहद पर डटे हैं तो यही बात हर देशवासी को देश के लिए दिन रात काम करने के लिए प्रेरित करती है। आत्मनिर्भर भारत का संकल्प आप लोगों के कारण ही मजबूत हो रहा है। अभी आपने और आपके साथियों ने जो वीरता दिखाई है उनसे पूरी दुनिया में ये संदेश दिया है कि भारत की ताकत रत्तीभर भी अन्य देशों से कम नहीं है।

वीरता ही शांति की शर्त

हर आक्रमण के बाद हमारा भारत हमेशा मजबूत होकर उभरा है। हमारे राष्ट्र की, दुनिया की, मानवता की प्रगति के लिए शांति और मित्रता भी हर कोई मानता भी है। हम यह भी जानते हैं कि कमजोर शांति की पहल हम कभी नहीं कर सकते हैं। इसलिए हमेशा वीरता ही शांति की शर्त होगी। भारत वर्तमान में जल-थल-नभ तक अपनी ताकत बढ़ा रहा है तो उसके पीछे का लक्ष्य मानव कल्याण ही सर्वोपरी है। विश्वयुद्ध हो या विश्व शांति की बात हो, जब भी जरूरत पड़ी है दुनिया ने हमारे वीरों का पराक्रम देखा भी है और दिल से महसूस भी किया है। हमने हमेशा मानवता और इंसानियत की रक्षा के लिए ही काम किया है।

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विस्तारवाद ने ही मानवजाति का विनाश किया

आज विश्व विस्तारवाद नहीं है, विकासवाद के प्रति समर्पित है और विस्तारवाद ने ही मानवजाति का विनाश किया है। इतिहास बताता है कि ऐसा करने वाली ताकतें हमेशा के लिए खत्म हो गईं। सबसे अहम बाद यह कि राष्ट्र रक्षा से जुड़े किसी लीडर के बारे में सोचता हूं तो मैं सबसे पहले दो माताओं का स्मरण करता हूं। पहली- हम सभी की भारतमाता और दूसरी- वे वीर माताएं जिन्होंने आप जैसे योद्धाओं को जन्म दिया है।

बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करीब 3 गुना कर दिया

मोदी ने कहा कि सेना के लिए आधुनिक हथियार हो या आपने लिए साजो सामान, हम इन सब पर बहुत ध्यान देते रहे हैं। बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करीब 3 गुना तक कर दिया गया है। इससे बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट और सीमा पर सड़कें-पुल बनाने का काम भी बहुत तेजी से हो रहा है। अब आप तक सामान भी कम समय में पहुंचता है। सेनाओं में समन्वय के लिए चीफ ऑफ डिफेंस के गठन की बात हो या वॉर मेमोरियल का या फिर वन-पेंशन वन रैंक की बात हो। हम सेनाओं और सैनिकों को मजबूत कर रहे हैं।

आप सरहद पर देश की रक्षा कर रहे

हम वो लोग हैं जो बांसुरीधारी की पूजा करते हैं और सुदर्शनधारी को आदर्श मानकर चलते हैं। जिस भारत के सपने को लेकर आप सरहद पर देश की रक्षा कर रहे हैं, हम आपके सपनों का ही भारत बनाएंगे। इसमें 130 करोड़ देशवासी पीछे नहीं रहेंगे। मैं आपको यह भी विश्वास दिलाने आया हूं। हम अब आत्मनिर्भर भारत बनाकर ही रहेंगे।

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