न्यूज – वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट के जरिए आयकर में राहत पाना मुश्किल है। अर्थव्यवस्था में मंदी के बीच, आम लोगों को कॉर्पोरेट टैक्स में भारी कटौती के बाद आयकर में बड़ी राहत देना वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए एक चुनौती साबित हो सकता है।
सीतारमण ने अपना पहला बजट जुलाई 2019 में पेश किया था। उस समय उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था कि उन्होंने धीमी होती अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए कुछ खास नहीं किया। इसके बाद, वित्त मंत्री ने सितंबर में कंपनियों के लिए भारी कर कटौती करके सभी को चौंका दिया
यह फैसला सरकार के लिए महंगा था, क्योंकि कर राजस्व में कमी से कॉर्पोरेट टैक्स में 1.45 लाख करोड़ रुपये की कमी आने की उम्मीद है। इसके साथ ही कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें कम कर दी गईं। हाउसिंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल, होटल रेंटल, डायमंड जॉबवर्क और आउट-ऑफ-होम कैटरिंग जैसी गतिविधियों पर जीएसटी की दरें कम की गईं।