उत्तर प्रदेश में कोरोना से घटते संक्रमण के साथ ही बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. इसी बीच ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान मनचलों द्वारा की जा रही विभिन्न प्रकार की शरारतों और छात्राओं को हो रही परेशानी की दास्तां भी सामने आने लगी.
इससे जुड़ा एक सनसनीखेज मामला यूपी की राजधानी लखनऊ से
सामने आया है. जहां ऑनलाइन क्लास कर रही एक नाबालिग
लड़की के स्कूल ग्रुप में उसे पहले अज्ञात नंबर से अश्लील मैसेज
भेजकर परेशान किया गया और जब लड़की के परिवार ने मामले की शिकायत
स्कूल प्रशासन से की तो स्कूल टीचर ने पीड़ित परिवार के साथ अभद्रता की.
इसके साथ ही उसे स्कूल से निकाल दिया गया।
पूरा मामला लखनऊ के मड़ियांव थाना क्षेत्र का है.
जहां रहने वाली मानवी द्विवेदी ने बताया कि उनकी 13 वर्षीय बेटी
अलीगंज थाना क्षेत्र स्थित सेंट एंटोनी इंटर कॉलेज में आठवीं की छात्रा है.
15 जुलाई को अचानक ऑनलाइन क्लास के लिए बनाए गए
सभी व्हाट्सएप ग्रुप में एक इंटरनेशनल नंबर जुड़ जाता है और
सभी बच्चों और शिक्षकों के बीच उनकी बेटी के बारे में अश्लील टिप्पणी करने लगता है।
उन्होंने बताया कि स्कूल प्रशासन ने ग्रुप हैक होने का हवाला देते हुए सभी ग्रुप से उस नंबर को हटा दिया, लेकिन उसी दिन अराजक तत्व की ओर से एक नया व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाता है, जिसमें कक्षा के सभी बच्चे, शिक्षक और स्कूल संस्थापक सहित प्राचार्य जोड़ दिया गया है। उस नए ग्रुप में भी छात्राओं पर अभद्र टिप्पणियां लगातार करने लगते हैं। मानवी द्विवेदी का कहना है कि यह कृत्य कक्षा के ही एक छात्र ने उनकी बेटी को मानसिक प्रताड़ना देने के लिए किया था।
स्थिति से परेशान परिवार ने स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब मामले की शिकायत स्कूल के प्रधानाध्यापक से की गई तो उन्होंने यह कहकर पूरे प्रकरण को टाल दिया कि यह स्कूल का मामला नहीं है. पीड़ित परिवार का आरोप है कि घटना के कुछ समय बाद जब पीड़ित परिवार स्कूल प्रशासन से कुछ अभिभावकों के बारे में बात करने पहुंचा तो स्कूल की वाइस प्रिंसिपल रितु सिंह ने मामले को खत्म करने के लिए अभद्रता की. इतना ही नहीं स्कूल के वाइस प्रिंसिपल ने तो यहां तक कह दिया है कि सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए अभिभावक बच्चों का सहारा लेकर साजिश कर रहे हैं.
पीड़िता की मां ने बताया कि हर जगह से इंटरनेशनल नंबर ब्लॉक करने के बाद एक लैंडलाइन नंबर से भी कॉल आने लगे. जानकारी के मुताबिक उस लैंडलाइन नंबर से वही अश्लील बातें कही जा रही थीं, जो व्हाट्सएप के ग्रुप्स में कही जा रही थीं. जांच के बाद वह लैंडलाइन नंबर बेटी की क्लास के शारिक नाम के लड़के का निकला। मामले को लेकर जब स्कूल प्रशासन से कार्रवाई की बात की गई तो वे स्कूल का नाम खराब कर मामले में सुलह के लिए दबाव बनाने लगे. हालांकि परिजन खुद स्थानीय मड़ियांव थाने पहुंचे और संदिग्ध आरोपित के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी.
पीड़ित परिवार का कहना है कि मामला दर्ज होने के बाद भी स्थानीय पुलिस अधिकारी उन पर मामला सुलझाने का दबाव बना रहे हैं. वहीं पीड़ित परिवार ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर से मुलाकात कर पुलिस टीम द्वारा किए जा रहे इलाज को लेकर न्याय की गुहार लगाई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आयुक्त ने एडीसीपी प्राची सिंह को घटना की जांच कर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.