एक दिन की बच्ची झाड़ियों में लहुलूहान पड़ी मिली, महिला पुलिस अफसर भी शरीर से कांटे निकालते हुए हुई भावुक

मध्य प्रदेश के राजगढ़ में सोमवार को दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. इधर नालाझिरी गांव में एक दिन की बच्ची झाड़ियों के बीच कांटों में फंसी मिली. बच्ची के रोने की आवाज सुनकर लोग वहां पहुंचे तो उनके बाल रांगटे हो गए। बच्ची के शरीर पर कांटे चुभे हुए थे। पुलिस ने कांटों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत ठीक है।
एक दिन की बच्ची झाड़ियों में लहुलूहान पड़ी मिली, महिला पुलिस अफसर भी शरीर से कांटे निकालते हुए हुई भावुक

मध्य प्रदेश के राजगढ़ में सोमवार को दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. इधर नालाझिरी गांव में एक दिन की बच्ची झाड़ियों के बीच कांटों में फंसी मिली. बच्ची के रोने की आवाज सुनकर लोग वहां पहुंचे तो उनके बाल रांगटे हो गए। बच्ची के शरीर पर कांटे चुभे हुए थे। पुलिस ने कांटों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत ठीक है।

नालाझिरी गांव में एक दिन की बच्ची झाड़ियों के बीच कांटों में फंसी मिली

मामला राजगढ़ जिले के सुथालिया थाने का है. थाना प्रभारी रामकुमार रधुवंशी ने बताया कि रात 11 बजे उनके पास फोन आया। फोन करने वाले ने कहा- नालाझीरी गांव में किसी ने बच्ची को झाड़ियों के बीच फेंक दिया है. लड़की कांटों के बीच पड़ी है। सूचना मिलते ही रघुवंशी ने तत्काल एसआई अरुंधति, महिला आरक्षक इतिश्री और आरक्षक सतीश त्यागी को मौके पर भेजा.

बच्ची को झाड़ियों में देख एसआई ने फौरन उसे पकड़कर उठा लिया

बच्ची को झाड़ियों में देख एसआई ने फौरन उसे पकड़कर उठा लिया। उसने जैसे ही उसे अपने हाथ में लिया, वह जोर-जोर से रोने लगी। पीछे देखा तो उसके शरीर में कई कांटे चुभे नजर आए। उन्होंने फौरन कांटों को निकालकर एंबुलेंस की मदद से सुठालिया अस्पताल पहुंचाया। यहां डॉक्टरों ने तुरंत बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण किया। उन्होंने बताया कि बच्ची ठीक है, उसे देखरेख में रखा गया है. पुलिस ने मामले में अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

डेढ़ माह पहले शहर के सिटी नल पर भी मिला था एक नवजात

करीब डेढ़ माह पहले शहर के सिटी नल क्षेत्र में एक बच्चा मिला था। रात में उसके रोने की आवाज सुनकर स्थानीय लोगों ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस उस नवजात को जिला अस्पताल लेकर आई और भर्ती कराया. उस नवजात की हालत कुछ दिनों तक गंभीर बनी रही, लेकिन डॉक्टरों के प्रयास के बाद वह पूरी तरह ठीक हो गया और फिर उसे छतरपुर के बाल गृह भेज दिया गया.

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