न्यूज – सार्वजनिक क्षेत्र के ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) ने शुक्रवार को पहली बार फरार चल रहे प्रवासी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल सी. चोकसी के संबंध में अपने ऋण जोखिम पर सफाई देने के अलावा उन्हें डिफाल्टर घोषित करते हुए नोटिस जारी किया है।
बैंक का खुलासा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ ओबीसी के विलय होने की घोषणा के बाद सामने आया है। पीएनबी ने फरवरी 2018 में नीरव मोदी और चोकसी द्वारा बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने की बात स्वीकार की थी। यह 13,500 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का मामला है, जिसने पूरे बैंकिंग उद्योग को हिलाकर रख दिया।
नीरव मोदी की कंपनियां फायरस्टार इंटरनेशनल प्रा. लि. और फायर स्टार डायमंड इंटरनेशनल प्रा. लि. ओबीसी के 60.41 करोड़ और 32.25 करोड़ रुपये के ऋण को चुकाने में विफल रही है। इसी तरह चोकसी की कंपनियां गीतांजलि जेम्स लिमिटेड और नक्षत्र वल्र्ड लिमिटेड ने क्रमश: ओबीसी के कुल 136.45 करोड़ रुपये और 59.53 करोड़ रुपये के ऋण का भुगतान नहीं किया है।
फरवरी 2018 में घोटाला सामने आने के कुछ दिनों बाद ही यह पता चला कि नीरव मोदी और चोकसी अपने अन्य आरोपी परिवार के सदस्यों के साथ देश से भाग खड़े हुए हैं। इसके बाद ओबीसी ने तुरंत 21 मार्च, 2018 को उनके खातों को एनपीए घोषित किया।