अभी हाल ही में पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन की बढ़ती घटनाओं को लेकर भारत ने अपनी चिंता जाहिर की है। इस बीच अब पाकिस्तान में एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो को पाकिस्तान के एक एक्टिविस्ट सईद संगरी ने अपने ट्विटर प्रोफाइल से शेयर किया है। कहा जा रहा है कि यह वीडियो पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बादिन शहर का है।
वीडियो को शेयर करते हुए एक्टिविस्ट ने दावा किया है कि मंगलवार
को एक 13 साल की लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया
और उससे इस्लाम धर्म कबूल करवाया गया। एक्टिविस्ट का दावा है
कि इस्लाम धर्म कबूल करवाने के लिए कुछ लोग जबरन लड़की को
अपने साथ ले गए। वीडियो शेयर करते हुए एक्टिवस्ट ने यह भी बताया है
कि वीडियो में लड़की के पिता चीख कर कह रहे हैं कि यह अन्याय है लेकिन उनकी कोई नहीं सुनता।
जो वीडियो शेयर किया गया है उसमें नजर आ रहा है कि कुछ लोग जबरन एक लड़की को ले जा रहे हैं।
वहां शोर-शराबा मचा हुआ है। सड़क पर कुछ लोगों की भीड़ जमा है।
एक गंभीर बात यह भी है कि सरेआम सड़क पर यह सब कुछ हो रहा है
और आसपास से गुजरने वाले लोग तमाशबीन बने हुए हैं।
वीडियो में एक शख्स पुलिस की वर्दी में भी नजर आ रहा है। एक्टिविस्ट सईद संगरी का दावा है कि यह वीडियो फर्जी नहीं है बल्कि यह सच्ची घटना है।
आपको बता दें कि भारत ने हाल ही में UNHRC में कहा है कि पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन कराना रोज की घटना हो गई है। पड़ोसी मुल्क में अक्सर अल्पसंख्यक नाबालिग लड़कियों का अपहरण किया जाता है, उनके साथ दुष्कर्म होता और फिर जबरन उनका धर्म परिवर्तन करा उनकी शादी कर दी जाती है।
आपको याद दिला दें कि पिछले साल जून के महीने में सिंध प्रांत के बादिन जिले से ही एक चौंका देने वाली खबर सामने आई थी कि यहां 102 हिंदुओं डका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और उन्हें इस्लाम कबूल करवाया गया था। इसमें पुरुषों के अलावा महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। इतना ही नहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में उस वक्त यह भी कहा गया था कि यहां के एक स्थानीय मंदिर में रखी देवी-देवताओं की कई मूर्तियों को तोड़ कर मंदिर को मस्जिद में तब्दील कर दिया गया था।
पिछले ही साल नवंबर के महीने में सिंध प्रांत से यह खबर भी आई थी कि यहां हिंदू भील जाति के कई मकानों को स्थानीय सरकार ने तोड़ दिया था। कथित तौर से इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद यह भी कहा गया था कि सरकार ने कार्रवाई तो रोक दी, लेकिन कट्टरपंथियों की भीड़ ने गरीब-बेसहारा हिंदुओं पर हमला कर उन्हें खदेड़ दिया था। इस हमले में कई पुरुष, महिलाएं और बच्चों के घायल होने की बात भी सामने आई थी।