डेस्क न्यूज – FATF की धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण पर निगरानी के लिए पूर्ण बैठक 22 फरवरी से होने वाली है।
पेरिस स्थित वित्तीय कार्यबल (FATF) ने जून 2018 में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में रखा था
और इस्लामाबाद को 2019 के अंत तक धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिए कार्ययोजना को लागू करने के लिए कहा था,
लेकिन बाद में कोविड-19 महामारी के कारण यह समयसीमा बढ़ा दी गई थी।
कुछ यूरोपीय देशों द्वारा भारत के पक्ष में एकजुट होने के बाद पाकिस्तान के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की उम्मीद नहीं है।
यूरोपीय देशों का कहना है कि पाक ने FATF द्वारा निर्धारित कार्ययोजना के सभी बिंदुओं को पूरी तरह से लागू नहीं किया है।
FATF का पूर्ण सत्र 22 फरवरी से 25 फरवरी तक पेरिस में आयोजित होगा
‘डान’ समाचारपत्र के अनुसार FATF का पूर्ण सत्र 22 फरवरी से 25 फरवरी तक पेरिस में आयोजित होगा
जिसमें पाकिस्तान सहित ‘ग्रे सूची’ के विभिन्न देशों के मामलों पर विचार किया जाएगा और बैठकों के समापन पर इस पर निर्णय लिया जाएगा।
अक्टूबर 2020 में आयोजित अंतिम पूर्णसत्र में, एफएटीएफ ने निष्कर्ष निकाला था कि पाकिस्तान फरवरी 2021 तक अपनी ”ग्रे लिस्ट” में जारी रहेगा
क्योंकि यह वैश्विक धनशोधन और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी के 27 में से छह दायित्वों को पूरा करने में विफल रहा है।
The Financial Action Task Force Plenary will kick off on Monday 22 February. Delegates from around the world will meet for three days of virtual meetings. Follow @FATFNews and our website for updates. See more details here ➡️https://t.co/cR0AvDJem0 #FollowTheMoney pic.twitter.com/IfZQA1i6qu
— FATF (@FATFNews) February 19, 2021
उसके अनुसार इसमें भारत के दो सबसे वांछित आतंकवादी – जैश-ए मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई भी शामिल है।
पाकिस्तान ने एफएटीएफ सचिवालय को विवरण प्रस्तुत किया
अजहर और सईद भारत में कई आतंकवादी कृत्यों में उनकी संलिप्तता के लिए सबसे वांछित आतंकवादी हैं,
जिनमें 26/11 मुंबई आतंकवादी हमला और पिछले साल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर आतंकी हमला शामिल है।
इन घटनाक्रमों से जुड़े एक आधिकारिक सूत्र ने शनिवार को अखबार को बताया कि पाकिस्तान ने छह सिफारिशों का अनुपालन किया है और FATF सचिवालय को विवरण भी प्रस्तुत कर दिया है।
सूत्र ने कहा कि अब सदस्य बैठक के दौरान पाकिस्तान की प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करेंगे।
सूत्र ने कहा कि निर्णय सदस्यों के बीच आम सहमति से लिया जाएगा।
मेजबान फ्रांस ने, एफएटीएफ को पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में बनाये रखने की सिफारिश की है
अखबार ने FATF को कवर करने वाले एक पत्रकार के हवाले से कहा कि कुछ यूरोपीय देशों,
विशेष रूप से मेजबान फ्रांस ने, एफएटीएफ को पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में बनाये रखने की सिफारिश की है
और यह रुख अपनाया है कि इस्लामाबाद द्वारा सभी बिंदु पूरी तरह से लागू नहीं किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि अन्य यूरोपीय देश भी फ्रांस का समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कार्टून मुद्दे पर इस्लामाबाद की हालिया प्रतिक्रिया से फ्रांस खुश नहीं है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पेरिस में एक नियमित राजदूत भी तैनात नहीं किया है।
अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल के अपहरण और हत्या मामले के आरोपियों को बरी किए जाने को लेकर अमेरिका ने भी चिंता जताई है।
यह आशंका है कि अमेरिका पाकिस्तान को इस साल कम से कम जून तक ‘ग्रे लिस्ट’ में जारी रखने की पैरवी भी कर सकता है।