fuel price hike says kamal nath – मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेषाध्यक्ष कमल नाथ (Kamal Nath) ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई है, साथ ही पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले करों को कम न किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें आसमान छूती जा रही हैं, वह उच्चतम व रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है।
जनता निरंतर राहत की मांग कर रही है, लेकिन केंद्र की व राज्य की भाजपा सरकार करों में कोई कमी न कर जनता को किसी भी प्रकार की राहत नहीं दे रही है।
कमल नाथ (Kamal Nath) ने भाजपा के विपक्ष में रहते हुए किए जाने वाले आंदोलनों को लेकर तंज कसते हुए कहा,
“भाजपा के लोग जब विपक्ष में थे तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने का विरोध दिखाने के लिए खूब साइकिल चलाते थे,
बैलगाड़ी यात्रा निकालते थे, बड़े-बड़े धरने देते थे, खूब भाषण दिया करते थे,
मगर आज अनकी साइकिलें गायब हैं, विरोध प्रदर्शन गायब है।”
उन्होंने आगे कहा, “मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने घोषणा की थी कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर सप्ताह में एक दिन वो
और उनके मंत्री साइकिल से मंत्रालय जाएंगे, लेकिन आज पता नहीं, उन सभी की साइकिलें कहां पंचर पड़ी हुई हैं।”
सरकार पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले भारी भरकम करों में राहत दे
कमल नाथ (Kamal Nath) ने चेतवनी दी है कि सरकार पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले भारी भरकम करों में कमी कर जनता को तत्काल राहत दे,
अन्यथा कांग्रेस इसके लिए प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी।
उन्होंने कहा, “भाजपा सत्ता में आते ही भले जनता को भूल जाए, लेकिन हम जनता के साथ खड़े हैं,
खड़े रहेंगे और जनता की हर लड़ाई को सड़कों से लेकर सदन तक लड़ेंगे।”
लगभग तीन महीने से आंदोलन कर रहे हैं
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को दावा किया कि तीन नए कृषि कानून कॉर्पोरेट्स
और अमीर लोगों को भारत में 80 लाख करोड़ रुपये के कृषि-व्यवसाय को हथियाने में मदद करेंगे।
पूर्वी असम के शिवसागर में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद को किसानों के हितों के बारे में इस तथ्य के अलावा कुछ नहीं बताया कि वे लगभग तीन महीने से आंदोलन कर रहे हैं।
हम चाय बागान श्रमिकों को दैनिक मजदूरी के रूप में रोजाना 365 रुपये देंगे
उन्होंने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पहले ही गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स
(जीएसटी) और विमुद्रीकरण (नोटबंदी) को लागू करके भारतीय अर्थव्यवस्था और देशभर के लोगों की माली हालत तबाह कर चुकी है,
और अब यह इन तीन कानूनों द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की कोशिश कर रही है।
देश की हर संपत्ति चंद लोगों के हित के लिए बेची जा रही है
असम में 2021 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का प्रचार अभियान शुरू करते हुए उन्होंने कहा कि भारत को नागपुर से ‘रिमोट-नियंत्रित’ नहीं होना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि देश की हर संपत्ति चंद लोगों के हित के लिए बेची जा रही है।
उन्होंने दावा किया कि चाय बागान श्रमिकों को (मजदूरी के रूप में) रोजाना केवल 167 रुपये दिए गए।
समूचे चाय बागान गुजरात के व्यापारियों को सौंपे जा रहे हैं।
अगर कांग्रेस सत्ता में लौटती है, तो हम चाय बागान श्रमिकों को दैनिक मजदूरी के रूप में रोजाना 365 रुपये देंगे।