डेस्क न्यूज़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ऐलान किया कि आने वाले दिनों में टीकाकरण की रफ्तार और तेज की जाएगी और राज्यों के टीकाकरण पर होने वाला खर्च भी केंद्र सरकार उठाएगी। उन्होंने कहा कि दो हफ्ते बाद यानी 21 जून से वैक्सीन का सारा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। इधर, कांग्रेस ने टीकाकरण की नई नीति पर ही सवाल खड़े कर दिए। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने टीकाकरण नीति को 16 जनवरी 2021 से 7 जून 2021 के बीच तीन बार बदल दिया है।
1- छह महीने में 3 बार टीकाकरण की नीति को बदलकर लाखों लोगों को संक्रमित होने के लिए क्या पीएम को जिम्मेवार नहीं ठहराया जाना चाहिए?
2- अब तक भारत सरकार 50 फीसदी वैक्सीन खरीदती रही है। अब 50 की जगह 75 फीसदी खरीदेगी। 25 प्रतिशत निजी क्षेत्र खरीदेंगे।यानी, सैलरिड क्लास और कारोबारियों के लिए भारत बायोटेक की 1200 प्लस 1200 और 150 प्लस 150 यानी 2700 देना पड़ेगा। सीरम इंस्टीट्यूट की 800 प्लस 800 डोज और 300 रुपये सर्विस टैक्स देना पड़ेगा। क्या छोटे-छोटे काम करने वाले क्या देश के नागरिक नहीं है। क्या इसका जवाब देश के पीएम देंगे?
सुरजेवाला ने कहा कि भारत बायोटेक की वैक्सीन के लिए एक व्यक्ति को दोनों खुराक के लिए 2700 रुपये देने होंगे। अगर उनके घर में छह लोग हैं तो उन्हें वैक्सीन की दोनों डोज पर साढ़े सोलह हजार रुपये खर्च करने होंगे। आम लोगों पर इतना अत्याचार क्यों?
3- मोदी सरकार और कुछ लोगों का कहना है कि 31 दिसंबर 2021 तक 100 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा। लेकिन अगर सरकार वैक्सीन का केवल 75 प्रतिशत ही खरीदती है, तो दिसंबर 2021 तक 100 करोड़ लोगों को वैक्सीन की 200 करोड़ खुराक कैसे मिलेगी?