प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के संबलपुर में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (Indian Institute of Management) के कैंपस की आधारशिला रखी। PM ने IIM की आधारशिला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रखी। नये IIM कैंपस के जरिए ओडिशा को नई पहचान देने की बात भी कही ।
उन्होने कहा कि बीते दशकों में विदेशों की कई मल्टीनेशनल कंपनियां बड़ी तादाद में भारत में आईं और आगे भी बढ़ी। मल्टीनेशनल के निर्माण के लिए इस सदी जाना जाएगा। उन्होने भाषण में कहा कि 2014 तक हमारे यहां 13 IIM थे, आज 20 हैं।

ब्रांड इंडिया को ग्लोबल पहचान दिलाने पर जोर
PM ने भाषण में कहा कि आज खेती से लेकर हर सेक्टर में रिफॉर्म किए जा रहे हैं। हम सबकी खासकर युवाओं की जिम्मेदारी है ब्रांड इंडिया को ग्लोबल पहचान दिलाने की।
टीयर-2, टीयर-3 शहरों में स्टार्टअप्स बन रहे हैं। आज का स्टार्टअप, कल का मल्टीनेशनल है। इसके लिए नए जॉब पैदा होने की भी बात की।
रसोई गैस की बात की
रसोई गैस की कवरेज 2014 तक देश में सिर्फ 55% थी। इसी रफ्तार से चलते तो हर घर में गैस पहुंचाने में पूरी सदी लग जाती। इसकी वजह परमानेंट सॉल्यूशन सोच की कमी थी। शुरुआत करना तो आसान होता है, पर उसे 100% पर लाना बहुत मुश्किल होता है। घरों में गैस पहुंचाने को लेकर केस स्टडी की जा सकती है। परमानेंट सॉल्यूशन के चलते आज देश में 28 करोड़ गैस कनेक्शन हैं। 2014 तक देश में ये कनेक्शन केवल 14 करोड़ थे।
जबलपूर के बारे में बात करते हुए कहा
अपने भाषण में PM ने जबलपूर की बात करते हुए कहां कि जो लोग संबलपुर के बारे में ज्यादा नहीं जानते, IIM के बनने के बाद ये एजुकेशन का हब बन जाएगा।
देश के इन नेचुरल एसेट्स का मैनेजमेंट कैसे हो, यहां के लोगों को विकास कैसे हो, आपको
इसे लेकर भी काम करना है। आप जब ओडिशा के लोकल फॉर वोकल के लिए काम करेंगे तो आत्मनिर्भर अभियान अपने आप मजबूत हो जाएगा।
सबसे खास बात ये होगी कि ये पूरा इलाका प्रैक्टिकल लैब की तरह होगा। ओडिशा का गौरव हीराकुंड
बांध ज्यादा दूर नहीं है। संबलपुरी टैक्सटाइल भी दुनियाभर में मशहूर है। इस क्षेत्र में हैंडीक्राफ्ट
का भी बहुत काम होता है। यहां का इलाका मिनरल और माइनिंग स्ट्रेंथ के लिए भी जाना जाता है।
ह्यूमन मैनेजमेंट को बताया जरूरी
आज जितना ह्यूमन मैनेजमेंट जरूरी है, उतना ही टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट भी जरूरी है।
कोरोना के दौरान देश ने मास्क, पीपीई किट, वेंटीलेटर का परमानेंट सॉल्यूशन निकाला।
डिजिटल कनेक्टिविटी 21वीं सदी के बिजनेस को ट्रांसफॉर्म करने वाली है। भारत ने भी इसके
लिए रिफॉर्म्स किए हैं। हमारी कोशिश समय के साथ नहीं, बल्कि उससे आगे चलने की की है।
अब दुनिया में अपॉर्च्युनिटीज हैं तो चैलेंजेज भी नए हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बूटा सिंह का 86 साल की उम्र में निधन, PM मोदी ने जताया दुख