डेस्क न्यूज – केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच विरोध का सिलसिला जारी है।
हाल ही में, बजट सत्र के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए ‘आंदोलनजीवी’ शब्द का उल्लेख किया था।
उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवी तो सुना था, लेकिन ‘आंदोलनजीवी’ अब जाना जा रहा है।
पी चिदंबरम ने खुद को आंदोलनजीवी बताया है
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी इशारों में विपक्ष पर निशाना साधने के बाद पीएम मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए खुद को आंदोलनजीवी बताया है।
उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें आंदोलनजीवी होने पर गर्व है।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि देश में एक नया समुदाय ‘आंदोलनजीवी’ उभरा है,
जो सरकार की हर नीति और निर्णय के खिलाफ आंदोलन करता है या उसका प्रचार करता है।
पीएम मोदी ने ऐसे लोगों को राष्ट्र के लिए परजीवी भी बताया।
उन्होंने कहा था कि कुछ लोग आंदोलन के बिना नहीं रह सकते,
उन्हें पहचानने और इनसे बचने की जरूरत है क्योंकि वे केवल लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
सबसे अच्छे आंदोलनजीवी महात्मा गांधी थे-पी चिदंबरम
प्रधानमंत्री मोदी के इसी बयान को लेते हुए कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, “मैं गर्व से आंदोलनजीवी हूं।
सबसे अच्छे आंदोलनजीवी महात्मा गांधी थे.’ बता दें कि पीएम मोदी ने कहा था, ‘हम लोग कुछ शब्दों से बड़े परिचित हैं, जैसे श्रमजीवी, बुद्धिजीवी…
ये सभी शब्दों से परिचित हैं लेकिन पिछले कुछ समय से मैं देख रहा हूं कि देश में एक नई तरह की जमात पैदा हो गई है,
एक नई बिरादरी पैदा हुई है और ये आंदोलनजीवी. ये जमात आप देखोगे..
वकीलों का आंदोलन हैं वहां नजर आएंगे, स्टूडेंट का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे..
मजदूरों का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे. ये हर जगह पहुंचकर गुमराह करते हैं”
उन्होंने कहा कि देश में कई ऐसे मुद्दे रहे हैं जिन पर हिंसा के बजाय शांति से आंदोलन करने की जरूरत थी
और कांग्रेस पार्टी ने ऐसा किया। ऐसी स्थिति में आज कोई भी उन्हें आंदोलनजीवी कहकर नकार नहीं सकता।
किसानों ने भी आपत्ति जताई थी
पीएम मोदी के इस शब्द का इस्तेमाल करने पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने भी आपत्ति जताई थी.
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा था कि यह किसानों का अपमान है. किसान संगठनों के समूह ने कहा था
कि ‘आंदोलनों’ के कारण भारत को औपनिवेशिक शासन से आजादी मिली और कहा कि उन्हें गर्व है कि वे ‘आंदोलन-जीवी’ हैं.