डेस्क न्यूज – देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के बजट सत्र के लिए सरकार का विधायी एजेंडा प्रस्तुत करने को लेकर 30 जनवरी शनिवार को एक सर्वलीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
इस बार यह परंपरागत सर्वदलीय बैठक सत्र शुरू होने के बाद आयोजित की जा रही है।
दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ संसद का बजट सत्र शुक्रवार को यानी कल शुरू हुआ था।
बता दें कि समान्यतः इस तरह की सभी बैठकें संसद के सत्र से पहले की जाती हैं,
ताकि दोनों सदनों की कार्यवाही सरलता से हो सके।
इस वर्चुअल बैठक के दौरान, विपक्षी दलों द्वारा किसान आंदोलन पर चर्चा कराने की मांग किए जाने की संभावना है।
दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले 2 महीनों से प्रदर्शनकारी किसान
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए डटे हुए हैं।
कल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गई एक सर्वदलीय बैठक में इसी तरह की मांग की
हालांकि, विपक्षी दलों ने शुक्रवार को यानी कल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा बुलाई गई एक सर्वदलीय बैठक में इसी तरह की मांग की, लेकिन सरकार ने सुझाव दिया कि किसान आंदोलन का मुद्दा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उठाया जा सकता है, जिसके लिए लोकसभा में 2, 3 और 4 फरवरी को 10 घंटे का समय आवंटित किया गया है।
किसान आंदोलन की गरमाहट के बीच केंद्र सरकार ने सभी दलों को बैठक के लिए आमंत्रित किया है
गौरतलब है कि सितंबर में तीन कृषि कानून पारित किए गए थे, उसके बाद से ही किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि तैयार हो गई थी। किसान आंदोलन की गरमाहट के बीच केंद्र सरकार ने सभी दलों को बैठक के लिए आमंत्रित किया है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को भी लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने विपक्षी दलों के नेताओं संग एक बैठक की और सदन की गरिमा का सम्मान करने का अनुरोध किया गया है और कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए उनका सहयोग भी मांगा गया है। शुक्रवार को बजट सत्र की शुरुआत हुई थी और कुल 18 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण का बहिष्कार किया था।