अवैध रूप से चल रहे पटाखा फैक्ट्री पर पड़ी पुलिस की रेड , भारी मात्रा में विस्फोटक केमिकल बरामद

कविनगर इलाके में अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी। जहां पटाखों में प्रयुक्त विस्फोटक सामग्री भारी मात्रा में एकत्र की गई। पुलिस ने जब छापेमारी की तो करीब तीन करोड़ रुपये मूल्य के अवैध पटाखों और उन्हें बनाने की सामग्री बरामद हुई है।
अवैध रूप से चल रहे पटाखा फैक्ट्री  पर पड़ी पुलिस की रेड , भारी मात्रा में  विस्फोटक केमिकल बरामद

कविनगर इलाके में अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी। जहां पटाखों में प्रयुक्त विस्फोटक सामग्री भारी मात्रा में एकत्र की गई। पुलिस ने जब छापेमारी की तो करीब तीन करोड़ रुपये मूल्य के अवैध पटाखों और उन्हें बनाने की सामग्री बरामद हुई है।

मौके से भारी मात्रा में इथेनॉल और काला प्लास्टिक भी बरामद किया गया। इसके अलावा कुछ ड्रमों में नाइट्रिक एसिड भी भरा हुआ था, जो काफी खतरनाक है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस फैक्ट्री के संचालन का मकसद सिर्फ अवैध पटाखे बनाना था या कुछ और था।

छह आरोपी पकड़े गए, तीन फरार

मामले में छह आरोपी पकड़े गए हैं, जबकि तीन मौके से फरार हो गए। गिरफ्तार आरोपी ने बताया कि लैब में विस्फोटक बनाने का काम रवि, संदीप और आकाश करते हैं। जिससे सिल्वर नाइट्रेट (AGNo3) नाइट्रिक एसिड (HNo3) के साथ सिल्वर मिलाकर बनता है। फिर सिल्वर नाइट्रेट को एथेनॉल के साथ मिलाकर सिल्वर फुलमिनेट बनाया जाता है, जो एक विस्फोटक पदार्थ है।

उस विस्फोटक को पत्थर की बजरी के साथ मिलाकर पटाखे तैयार किए जाते हैं। पुलिस के मुताबिक निर्माता राजेश, विष्णु और अरविंद ने बताया कि मशीनों में विस्फोटक से लदी बजरी भरकर पटाखे तैयार किए जाते हैं। तैयार पटाखों को पैक कर भंडारित किया जाता है, जिन्हें विभिन्न क्षेत्रों की मांग के अनुसार बिक्री के लिए आपूर्ति की जाती है।

फैक्ट्री के मालिक मनीष जैन हैं जो दिल्ली के रहने वाले हैं। पुलिस ने लैब टेक्नीशियन से उनकी डिग्री/लाइसेंस दिखाने को कहा, लेकिन उन्हें नहीं मिला। ये लोग बिना लाइसेंस के इस खतरनाक काम को अंजाम दे रहे थे। इन खतरनाक रसायनों के मिश्रण में जरा सी भी चूक एक बहुत ही खतरनाक विस्फोट का कारण बन सकती है, जिससे बड़ी जान-माल का नुकसान हो सकता था।

बवाना ने की थी 17 लोगों की हत्या

इसी तरह की अवैध पटाखा फैक्ट्री साल 2018 में बवाना दिल्ली में इन लोगों द्वारा संचालित की जा रही थी, लापरवाही के कारण विस्फोट हो गया और 17 निर्दोष लोगों की जान चली गई। इन लोगों के तार भी उस फैक्ट्री से जुड़े थे। ड्रम में मौके से जो केमिकल बरामद हुआ है, वह केमिकल आसानी से नहीं मिलता। बावजूद इसके इनके पास से कई केमिकल मिले हैं, जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इतनी बड़ी मात्रा में केमिकल आसानी से कैसे मिल गया। जाहिर है इस मामले में और भी कई खुलासे हो सकते हैं |

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