राजस्थान में दो साल बाद छात्रसंघ चुनाव (students union election) करवाने की तैयारी शुरू हो गई है। यह खबर मिलते ही युवाओं के चेहरे पर मुस्कान है। वही बात करे राजधानी के राजस्थान विश्वविद्यालय की तो सालो से कई छात्र नेता अध्यक्ष बनने के लिए मेहनत कर रहे है। जो छात्र अपना भविष्य में राजनीती में देखते है। उनके लिए राजनीती की पहली सीडी कॉलेज से चुनाव जितना और छात्र हितो में उनकी आवाज बनना है। छात्रसंघ चुनाव एक लंबे समय बाद हो रहे है इसके चलते स्टूडेंट में इस बार अध्यक्ष बनने का जोश दुगना होगा।
वही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की हरी झंडी मिलने के बाद रास्ता खुल गया है। कोरोना के कारण प्रदेश में दो साल से चुनाव नहीं हो सके थे। इसी के चलते छात्र व संगठन चुनाव कराए जाने को लेकर मांग कर रहे थे।
बात करे राजनीतिक भविष्य की तो मुख्यमंत्री गहलोत भी स्टूडेंट पॉलिटिक्स से निकल के आये है। वही राजस्थान विश्वविद्यालय से कई छात्र नेता ऐसे निकले है जो आज राजस्थान की सरकार में बड़े औधे पर बैठे है।
चुनाव करवाने की घोषणा करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि आज के विद्यार्थी ही देश का भविष्य हैं। विद्यार्थी संगठनों की मांग को देखते हुए एवं विद्यार्थियों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की समझ बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव करवाने हेतु विभाग को निर्देश दिए गए हैं।
सभी विद्यार्थी संगठन संबंधित कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी की गाइडलाइंस की पालना करते हुए उत्साह से चुनावों में भाग लें। मेरी शुभकामनाएं आप सभी के साथ हैं।
बता दें कि पहले साल 2020 में कोरोना की वजह से स्टूडेंट्स यूनियन के चुनाव पर सरकार ने रोक लगा दी थी उसके बाद राज्यपाल के द्वारा गठित टास्क फोर्स ने चुनाव नहीं कराने के सुझाव दिए थे।