राजस्थान सरकार अब खनन जमीनों की नीलामी कर अपना कुबेर भरेगी। सरकार अवैध खनन पर तो रोक लगा नहीं पा रही है। लेकिन जो वैद्य खनन की जमीने है उन्हें अब नीलाम करने जा रही है। एक नजर हम राजस्थान सरकार के मौजूदा कर्ज पर डाले तो गहलोत सरकार ने पौने तीन साल में लिया एक लाख करोड़ का कर्ज लिया है, राज्य का कर्जभार 4 लाख 34 हजार करोड़ है। यानी प्रत्येक नागरिक पर करीब 52 हजार रुपए का कर्ज हो चुका है। कोरोनाकाल में प्रति व्यक्ति कर्ज का भार 1400 रुपए तक बढ़ा है। यह कर्जभार कोरोनाकाल में लिए गए कर्ज के कारण बढ़ा है। पुराने और नए कर्ज को मिलाकर सरकार सालाना 25 हजार करोड़ रूपए का ब्याज अदा कर रही है।
सरकार जल्द ही 16 लाईमस्टोन ब्लॉक की नीलामी करने जा रही है। नीलामी से 50 साल में मिलेगा एक लाख करोड़ का राजस्व, माइनर मिनरल के लिए 5000 हैक्टेयर क्षेत्र चिह्नीकरण का लक्ष्य रखा गया है।
भाजपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल में एक लाख 64 हजार करोड़ का कर्ज लिया था । कोरोनाकाल के दो साल में करीब 50 हजार करोड़ का कर्ज लिया गया है। राज्य सरकार में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल का कहना है कि केन्द्रीय करों में राजस्थान की हिस्सा राशि कम कर दी गई है। जीएसटी का बकाया हिस्सा नहीं दिया जा रहा है। सरकार ने पौने तीन साल में आमजनता से जुड़ी ऐसी कई योजनाएं बनाकर संचालित की,जिनके कारण वित्तीयभार बढ़ा है। उधर भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेन्द्र राठौड़ और विधायक अशोक लाहोटी का कहना है कि राज्य सरकार का वित्तीय प्रबंधन सही नहीं है। गहलोत सरकार ने वित्तीय कुप्रबंधन के कारण राज्य पर कर्जभार बढ़ाया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं जलदाय डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में एमएमडीआर एक्ट में 2015 में संषोधन के बाद मेजर मिनरल लाईमस्टोन के 16 ब्लॉकों की सफल नीलामी होने से राज्य सरकार को आगामी 50 सालों में करीब एक लाख सात हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा। इस साल माइनर मिनरल के ब्लॉकों के लिए 5 हजार हैक्टेयर क्षेत्र को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। वैध खनन को बढ़ावा देकर ही अवैध खनन पर कारगर तरीके से रोक लगाई जा सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए खनिज खोज और ब्लॉक्स की भारत सरकार के ई पोर्टल से पारदर्शी तरीके से ई - नीलामी की जा रही है।
राजस्थान सरकार के द्वारा अब 569 हैक्टेयर क्षेत्रफल के 81 प्लॉट तैयार कर इनकी नीलामी की आवष्यक औपचारिकताएं पूरी की जा रही है। इस साल माइनर मिनरल के प्लाटों की नीलामी का नया रेकार्ड स्थापित किया जाएगा। राज्य में गत वित्तीय वर्ष में माइनर मिनरल के रेकार्ड 1009 हैक्टेयर क्षेत्रफल के 422 प्लॉटों का सफल ऑक्शन कर 224 करोड़ 28 लाख रु. का राजस्व संग्रहित किया गया। इससे पहले 2018-19 में अधिकतम 561 हैक्टेयर क्षेत्रफल के 359 प्लॉटों की सफल नीलामी की 126 करोड़ रु. का राजस्व प्राप्त हुआ था।
राज्य में 1732 करोड़ के आरसीसी-ईआरसीसी ठेकें प्रभावशील हैं वहीं 68 आरसीसी-ईआरसीसी ठेकें नीलामी की प्रक्रिया में है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा पिछले दिनों विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान दिए गए निर्देशों के क्रम में प्रदेश में अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र में अवैध गतिविधियां बर्दाष्त नहीं की जाएगी।