राजस्थान में राजनीती के चाणक्य अमित शाह की एंट्री हुई और कई सवाल जो बीजेपी के अंतर कलह में चल रहे थे। वह मंच की तस्वीर से साफ़ तौर पर दिखाई दे रहे थे। अमित शाह के सम्बोधन में बीजेपी पार्टी अध्यक्ष सतीश पूनिया का नाम नहीं बोला गया,वही नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया का पार्टी के कार्यकर्ता को संबोधित नहीं किया गया बीजेपी के दिग्गज नेताओं के बीच एक बड़ी खटास नजर आयी।
वही मंच पर आसन के समय एक बड़ा विरोधाभास देखा गया, कई सांसदों को गृह मंत्री अमित शाह के साथ मंच साझा करने का अवसर नहीं मिला और जिन्हें यह अवसर मिला उनमे सांसद दिया कुमारी थी और जयपुर सांसद रामचरण बोहरा मंच के सामने विराजमान थे
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा- अमित शाह के दौरे से बहुत सी बातें साफ हो गई हैं। एक तो यह साफ हो गया कि अमित शाह केवल गजेंद्र सिंह शेखावत को ही प्रिय मानते हैं। बाकि प्रदेश बीजेपी के नेताओं को वे नहीं मानते हैं, उनका राजनीति में कोई स्थान नहीं है। केवल अपने मित्र गजेंद्र सिंह को सीएम प्रोजेक्ट करने के लिए अमित शाह ने यह भ्रमण किया है।
डोटासरा ने कहा- किसान परिवार से आने वाले केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को उनके निर्वाचन क्षेत्र में अमित शाह ने साथ नहीं रखा। न उनका कहीं फोटो लगाया। इससे यह साफ संकेत हैं कि आने वाले समय में गजेंद्र सिंह शेखावत बीजेपी में मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। सतीश पूनिया से मजदूरी करवाई जा रही है, वह भी किसान परिवार से होने के कारण अमित शाह ने उनका नाम तक नहीं लिया। इससे यह साफ हो चका है मोदी-शाह ने किसानों के साथ सौतेला व्यवहार सोच समझकर किया था, क्योंकि उनकी पंसद किसान वर्ग नहीं है, यह साफ हो गया है। जनप्रतिनिधि सम्मेलन में बीजेपी राजस्थान के सबसे बड़े जनप्रतिनिधि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का भाषण तक नहीं करवाया।