Congress Fund Collection Campaign: कांग्रेस ने पार्टी की स्थापना के 138 वर्ष पूरे होने पर धन संग्रह अभियान की शुरूआत की है। कांग्रेस पार्टी ने इसका नाम डोनेशन फॉर देश रखा है। भाजपा ने कांग्रेस के इस अभियान पर तंज कसा है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कांग्रेस सांसद धीरज साहू का नाम लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वंशवाद की राजनीति से इसको जोड़कर कहा कि यह 'डोनेट फॉर डायनेस्टी' है। रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि अपने सांसद के पैसे की डकैती पकड़े जाने के साथ, कांग्रेस एक नई 'डोनेट फॉर डायनेस्टी' योजना लेकर आई है, जिससे उस राजवंश की जीवनशैली की लागत को वहन किया जा सके जो कभी भी अत्यधिक विलासिता, अन्य लोगों के धन और अनियंत्रित शक्ति के बिना रहने का आदी नहीं था।
भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि देश को लूट कर अब देश मांग रहे हैं। धीरज साहू से ही मांग लिया होता। एक सांसद के पास 350 करोड़ रुपये निकले हैं, तो 52 सांसदों के पास कितने रुपये होंगे। पार्टी के एक और प्रवक्ता गौरव भाटिया भी कांग्रेस पर तंज कसने से नहीं चूके उन्होंने लिखा कि धीरज साहू के यहां हुए आईटी छापे का सीधा असर डोनेट फॉर देश है। डोनेट फॉर देश की जगह डोनेट फॉर डाइनेस्टी नाम होना चाहिए।
तमाम सरकारी, गैर सरकारी रिपोर्ट बताती हैं कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी देश की सबसे अमीर पार्टी है। कांग्रेस उसके मुकाबले कहीं नहीं ठहरती। अभी जब पांच राज्यों के चुनाव हुए तो चुनावी बांड के जरिए भाजपा को सबसे ज्यादा पैसा आया था।
बता दें कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि 18 दिसंबर से 'डोनेट फॉर देश' नाम से एक ऑनलाइन क्राउड फंडिंग अभियान शुरू किया जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि यह पहल 1920-21 में महात्मा गांधी के ऐतिहासिक 'तिलक स्वराज फंड' से प्रेरित है।
दिल्ली में एक प्रेस कांग्रेस में कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह अभियान मुख्य रूप से 28 दिसंबर, स्थापना दिवस तक ऑनलाइन रहेगा, जिसके बाद हम जमीनी अभियान शुरू करेंगे, जिसमें कार्यकर्ता घर-घर जाकर दान मागेंगे। हर बूथ में कम से कम दस घरों को टारगेट किया जाएगा और हर घर से कम से कम 138 रुपये का दान देना शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि "हम अपने राज्य-स्तरीय पदाधिकारियों, हमारे निर्वाचित प्रतिनिधियों, डीसीसी अध्यक्षों, पीसीसी अध्यक्षों और एआईसीसी पदाधिकारियों को कम से कम 1,380 रुपये का योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं"।