National Herald corruption case: ED ने पूछे ये सवाल, ठीक से जवाब नहीं दे पाए राहुल...

National Herald corruption case: राहुल गांधी से ईडी के तीन अफसरों ने पूछताछ शुरू की है। इनमें असिस्टेंट डायरेक्टर रैंक के अफसर ने सवाल पूछे हैं। एक ने इस पूछताछ का सुपरविजन किया, जबकि तीसरे ने इसमें टाइपिंग की। ईडी सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ठीक से जवाब नहीं दे पा रहे थे।
National Herald corruption case: ED ने पूछे ये सवाल,  ठीक से जवाब नहीं दे पाए राहुल...
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नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) का मामले से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के राजनीति कॅरियर में मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। भले ही इसे लेकर कांग्रेस इस का विरोध कर शोर मचा रही है, लेकिन ED के सवालों के राहुल गांधी द्वारा दिए गए जवाब ही अंत में तय करेंगे कि आगे क्या होना है।
हालांकि भाजपा ने यह कहकर मामले को तूल दे दिया है कि राहुल गांधी अभी जेल से बेल पर हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी अभी जेल से बेल पर हैं। कांग्रेसियों ने भ्रष्टाचार के समर्थन में प्रदर्शन किया। कांग्रेस का जांच एजेंसियों पर दबाव है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी अभी जेल से बेल पर हैं।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी अभी जेल से बेल पर हैं।Photo | ANI

जो जेल से बेल पर हैं उन्होंने घोषणा की है कि आओ दिल्ली को घेरों क्योंकि हमारा भ्रष्टाचार पकड़ा गया...

प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्मृति ईरानी ने कहा, "भ्रष्टाचार के समर्थन में आज कांग्रेस पार्टी मैदान में उतरी है। जिन्होंने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को न्योता दिया उस परिवार के बारे में आज कुछ सवाल रखना चाहती हूँ, कुछ बातें रखना चाहती हूं। जो जेल से बेल पर हैं उन्होंने घोषणा की है कि आओ दिल्ली को घेरों क्योंकि हमारा भ्रष्टाचार पकड़ा गया है।
एक जांच एजेंसी पर दबाव डालने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों के वरिष्ठ नेताओं को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है। खुलेआम एक जांच एजेंसी पर दबाव डालने की कांग्रेस की इस रणनीति को आप क्या नाम देंगे। भ्रष्टाचार के किन मुद्दों पर राहुल गांधी को तलब किया गया है उनपर थोड़ा विचार करें।"

कंपनी के शेयर होल्डर्स 5000 से अधिक स्वतंत्रता सेनानी थे और इसपर अब गांधी खानदान का कब्जा कैसे हुआ?

स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार को घेरते हुए सवाल किया कि "एक ऐसी कंपनी 1930 के दशक में गठित होती है जिसका काम है अखबार का प्रकाशन। उस कंपनी का नाम एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड था। उस समय इसके शेयर होल्डर्स 5000 से अधिक स्वतंत्रता सेनानी और इसपर अब गांधी खानदान का कब्जा है। जिस अखबार के प्रकाशन के लिए स्वतंत्रता सेनानी शेयर होल्डर्स सुनिश्चित किए गए, उसकी शेयरहोल्डिंग एक परिवार को इसलिए दी गई ताकि वो अखबार का प्रकाशन न करें, बल्कि रियल स्टेट का बिजनस करें।"
बता दें कि राहुल गांधी 13 जून को प्रवर्तन निदेशालय(ED) के ऑफिस में पेश हुए। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। राहुल के साथ प्रियंका गांधी भी ईडी के दफ्तर तक मार्च करते हुए गईं थी, हालांकि बाद में वे वहां से लौट गईं

किसी विपक्षी नेता ने राहुल से ED की पूछताछ मामले में ट्वीट कर उनका समर्थन नहीं किया

राहुल गांधी से पूछताछ के दौरान सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव का कोई ट्वीट सामने नहीं आया। उनकी पार्टी ने भी इस मामले में टिप्पणी करने से किनारा किया। बसपा प्रमुख मायावती ने भी दोपहर तक इस मुद्दे पर कुछ बयान नहीं दिया।
शिवसेना की ओर से भी सोमवार को कोई आधिकारिक बयान नहीं आया। राजद नेता एवं पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव ने भी राहुल गांधी को लेकर किसी तरह का कोई ट्वीट नहीं किया।
TMC प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी राहुल के समर्थन में ट्वीट नहीं किया। ममता ने तो यहां तक कहा कि जब हमारे कार्यकर्ताओं से पूछताछ की जा रही थी तब कांग्रेस ने भी हमारा साथ नहीं दिया था।
इधर शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल भी इस मामले में चुप्पी साधे रहे। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी एकता का प्रयास कर रहे एनसीपी नेता शरद पवार ने भी राहुल गांधी के समर्थन में कोई टिप्पणी नहीं की। केरल के सीएम का बयान भी कहीं नजर नहीं आया।
एनालेसिस : राहुल गांधी के समर्थन न करने में कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी के समर्थन न करने में कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए। विपक्ष को एकजुट करने के लिए अभी तक कांग्रेस ने कुछ नहीं किया है। कांग्रेस के तो खुद के कुनबे में ही फूट है। पार्टी में किसी को यह नहीं पता कि पार्टी किसके दिशानिर्देश पर चल रही है... सोनिया गांधी, राहुल गांधी या प्रियंका गांधी के...। आखिर पार्टी के कार्यकर्ता बात करना चाहें तो किससे बात करें...। ऐसे हाल में विपक्षी दल, कांग्रेस पर कैसे भरोसा कर सकते हैं...। कांग्रेस में जो लोग राहुल के मार्च में नजर आए वो भी ये साबित करने की जुगत करते नजर आए कि वे गांधी परिवार के कितने हितेशी हैं, ताकि जहां भी कांग्रेस की सरकार है वहां नेताओं की कुर्सी बची रहे।

राहुल के लिए आफत बन सकते हैं ये सवाल, ठीक से जवाब नहीं दे पा रहे थे

राहुल गांधी से ईडी के तीन अफसरों ने पूछताछ शुरू की है। इनमें असिस्टेंट डायरेक्टर रैंक के अफसर ने सवाल पूछे हैं। एक ने इस पूछताछ का सुपरविजन किया, जबकि तीसरे ने इसमें टाइपिंग की। ईडी सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ठीक से जवाब नहीं दे पा रहे थे। राहुल गांधी से कुछ ये सवाल पूछे गए...
  • यंग इंडिया से आपका किस तरह से जुड़ाव था?

  • आपकी AJLमें आपकी पोजिशन क्या थी?

  • यंग इंडिया में आपके नाम से शेयर्स क्यों थे?

  • क्या पिछले शेयर होल्डर्स से मुलाकात हुई है? नहीं तो फिर क्यों नहीं?

  • कांग्रेस पार्टी ने यंग इंडिया को लोन देने का फैसला क्यों किया था?

  • कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड को फिर से शुरू करने का विचार क्यों किया?

  • कांग्रेस ने जो भी लोन बांटे, डीटेल्स दीजिए?

  • AJL और नेशनल हेराल्ड के पास कितनी प्रॉपर्टी है, डीटेल्स दीजिए?

  • आपके कितने और किस-किस बैंक में अकाउंट हैं?

  • आपका क्या किसी विदेशी बैंक में अकाउंट है?

  • आपकी प्रॉपर्टी कहां-कहां, क्या विदेश में भी है?

इससे पहले मार्च निकालकर ED दफ्तर पहुंचे थे राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पार्टी सपोटर्स की ओर से विरोध मार्च की अनुमति देने से इनकार करने के बाद मध्य दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ED) कार्यालय की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी थी। दिल्ली पुलिस ने एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी मुख्यालय की ओर जाने वाली सड़कों पर लोगों के इकट्ठा होने और उनके प्रवेश पर रोक लगाने के लिए धारा 144 लागू कर दी थी।

मार्च के समय दिल्ली पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात रहे

51 वर्षीय राहुल गांधी सुबह करीब 11 बजे एजेंसी के सामने पेश हुए। वे 24, अकबर रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय से ईडी कार्यालय की करीब 2 किमी की दूरी तक पैदल गए। इस बीच मध्य दिल्ली की सड़कों और गलियों में दिल्ली पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों की भारी तैनाती की गई।

BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में ये लगाए थे आरोप

गौरतलब है कि BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका लगाई थी। इसमें कहा गया था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे ने घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़प लिया था।
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