राजस्थान की राजनीती अब एक बार फिर से हिचकोले खाने लगी है। पायलट गुट और गहलोत गुट दोनों कई बार अलग अलग मुद्दों को लेकर सुखिर्यो में रहते है। अब बात रीट के पदों को लेकर हो या फिर ट्रांसफर को लेकर मन मुटाव की तस्वीर झलकती दिखाई देती है।
विधान सभा चुनाव राजस्थान में 22 महीने बाद है और पिछले 3 साल के कार्यकाल में काफी उठापठक और वाद विवाद का दौर रहा है।
पायलट ने राजस्थान की सियासत में लगातार सक्रिय रहने की बात कही है। उन्होंने कहा, 'राजस्थान छोड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। जो कुछ भी पद, आदर, मान-सम्मान मिला है, राजस्थान से ही मिला है। यह मेरा प्रदेश है, मेरी मिट्टी है। यहां कांग्रेस कैसे रिपीट हो यह मेरी पहली प्राथमिकता है। जो पार्टी ने कहा है वह पहले भी किया है और आगे भी करूंगा। गौरतलब है की जब पायलट और गहलोत के बीच में रस्सा -कस्सी चल रही थी तब पायलट कैंप के नेता होटल में बंद थे और अपनी मांगो को लेकर आलाकमान से बात कर रहे थे।
इंटरव्यू के दौरान पायलट ने इशारों में नाम लिए बिना विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पद कितना ही बड़ा हो, अगर लोगों में आपका समर्थन नहीं है, आप लोगों में जज्बात पैदा नहीं कर पाते,अपनापन एकजुटता नहीं दिखा पाते हैं तो उस पद का भी कोई लाभ नहीं हैं। मैं तो जनता को ही अपना माई- बाप मानता हूं।
पायलट ने जल्द राजनीतिक नियुक्तियां करने की वकालत की। कहा- नियुक्तियां पहले हो जाती तो हम एक की जगह दो कार्यकर्ताओं को मौका दे सकते थे। पहले जो भी हुआ हो, हमें अब आगे की तरफ देखना होगा। पीछे मुड़कर देखने से बहुत ज्यादा लाभ नहीं होने वाला है।
जब पायलट से अलवर मामले के बारे में पूछा गया की प्रियंका गांधी ने अलवर जैसी घटना के बारे में अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी और प्रियंका गाँधी खुद रणथंभोर अपना जन्म दिन मना रही थी। क्या उन्हें राजस्थान के अपराध नहीं दिखते?
जवाब: यह कहना गलत है कि अपराध नहीं दिखते। अपराध तो अपराध है, लेकिन घटना होने के बाद पुलिस और प्रशासन कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है, वह महत्वपूर्ण है। हमारे यहां दुष्कर्म के मामलों की तत्काल जांच होती है। सरकार जल्द सजा दिलवाने का प्रावधान करती है।
अलवर की घटना की जितनी निंदा की जाए, वह कम है। इस तरह की हैवानियत करने वालों को इंसान की श्रेणी से बाहर निकाल देना चाहिए। इस घटना के अपराधियों को पकड़कर जल्द सजा दिलाएंगे। हमारे मंत्री वहां गए हैं। अपराध कहीं भी हो सकता है, लेकिन हम पीड़िता को कितनी जल्दी न्याय दिला सकते हैं, इस पर फोकस हो।
Like Follow us on :- Twitter | Facebook | Instagram | YouTube