शिवसेना ने आखिरकार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला कर ही लिया है। भाजपा से ही चोट खाए उद्धव ठाकरे ने भाजपा के राष्ट्रपति उम्मीदवार को अपना समर्थन देने का एलान कर दिया है ।
अब उनके इस फैसले से महाविकास अघाड़ी को तगड़ा झटका लगा है । झटका तो झटका पर अब महाविकास अघाड़ी की धक्का भी लगा होगा और एनसीपी और कांग्रेस मंथन कर रहे होंगे कि उद्धव आखिर हैं किसके साथ?
ठाकरे ने कहा कि शिवसेना बिना किसी दबाव के मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर रही है। उन्होंने कहा,
‘‘शिवसेना सांसदों की बैठक में किसी ने मुझ पर दबाव नहीं डाला। लेकिन मेरी पार्टी के आदिवासी नेताओं ने मुझसे कहा कि यह पहली बार है कि किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का मौका मिल रहा है।’’
उद्धव ठाकरे
साथ ही ठाकरे ने वर्तमान राजनीतिक उठापठक के बारे में कमेंट करते हुए कहा कि
अब वर्तमान राजनीति को देखकर उद्धव कितने फैसले करते हैं ये तो हम सब जानते हैं । जब भाजपा की लहर दिख रही थी तो उनके साथ गठबंधन बना कर चुनाव लड़ा और जब चुनाव के बाद गद्दी नहीं मिली तो विरोधियों को साथ मिलकर सरकार बना ली । और उद्धव कह रहे हैं कि उन्होंने राजनीतिक माहौल को दरकिनार करके ये फैसला लिया है ।
अब महाविकास अघाड़ी को इस फैसले से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, MVA के बाकी दोनों साथी कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रही है । लेकिन अब जब उद्धव ने एनडीए उम्मीदवार के समर्थन की बात कह दी है तो जाहिर तौर पर माना जा रहा है कि उद्धव ने संजय राउत की राय को दरकिनार करके पार्टी के सांसदों की बात मान ली है ।
बता दें कि बीते सोमवार शिवसेना की बैठक हुई थी । जिसमें पार्टी के 19 में से सिर्फ 11 सांसद ही शामिल हुए थे। इनमें से ज्यादातर सांसदों ने उद्धव से अनुरोध किया था कि वे राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें । लेकिन संजय राउत का कहना था कि शिवसेना को यशवंत सिन्हा का सपोर्ट करना चाहिए ।