धमकी पर ये कैसी सियासत? जांच से पहले ही सवाल, मंत्री मीना बोले- डॉ. किरोड़ी खुद अपराधी

नूपुर शर्मा के बयान को लेकर उदयपुर में हुए मर्डर के बाद जहां जांच एजेंसियां तहकीकात में जुटी हैं, वहीं राज्यमंत्री डॉ. किरोड़ी को मिली धमकी पर ही सियासत शुरू हो गई है। राजस्थान के केबिनेट मंत्री रमेश मीना ने किरोड़ी मीणा को अपराधी बताते हुए चर्चा में रहने के लिए ओछे हथकंडे़ अपनाने का आरोप जड़ दिया।
धमकी पर ये कैसी सियासत? जांच से पहले ही सवाल, मंत्री मीना बोले- डॉ. किरोड़ी खुद अपराधी

नूपुर मामले में भारत के कोने-कोने में मजहबी सोच के लोग कट्टरता की तमाम हदें पार कर रहे हैं। नूपुर का समर्थन करने वालों और हिंदूवादी विचारधारा के लोग FBI समेत अन्य कई कट्टपंथी संगठनों के निशाने पर हैं। उदयपुर में हुए कन्हैयालाल मर्डर केस के बाद तो सर कलम करने, जान से मारने की धमकियों का जैसे दौर ही शुरू हो गया। इसमें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत बिहार से भाजपा के कई नामचीन चेहरे शामिल हैं, जो हिट लिस्ट में हैं। इसके तार विदेशों से भी जुड़ रहे हैं, वहीं अजमेर दरगाह के दो खादिमों के भड़काऊ बयान के बाद उनकी गिरफ्तारियां हुईं हैं। देश की तमाम जांच एजेसियां इसकी जांच में लगी हुई हैं।

इधर, धमकियों की कड़ी में एक नाम राजस्थान से भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा का नाम भी शामिल हो गया, जिन्हें पत्र लिखकर धमकी दी गई। इसका खुलासा करते ही राजस्थान में जैसे भूचाल आ गया। लेकिन जांच कर अपराधियों तक पहुंचने से पहले ही विरोधी बयानबाजी कर उल्टे किरोड़ी मीणा को ही घेरने लग गए। 20 जुलाई को जयपुर में पत्रकारों से बात करते हुए डॉ. किरोड़ी के घोर राजनीतिक विरोधी प्रदेश के पंचायती राज मंत्री रमेश मीना ने उल्टे डॉ. किरोड़ी मीणा को ही कटघरे में खड़ा करते हुए उन्हें अपराधी तक बता दिया।

खुद गोली चलवा कर प्राप्त की थी 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा

भाजपा सांसद डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा को धमकी मिलने और सुरक्षा मांगे जाने के मामले में कैबिनेट मंत्री रमेश मीना ने कहा कि डॉक्टर किरोड़ी मीणा ने पहले भी अपने जिले में गोली चलवा कर 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त कर ली है। अब वे फिर से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। उन्हें धमकी मिली भी है या नहीं, यह भी जांच का विषय है। रमेश मीना ने डॉ. किरोड़ी को अपराधी बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति यह कहता है कि उसके पास हजारों युवाओं की टीम है उन्हें सुरक्षा की क्या जरूरत है?

पार्टी में पूछ नहीं, चर्चा में रहने के लिए अपना रहे हथकंडे़

कैबिनेट मंत्री रमेश मीना ने कहा कि भाजपा में डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा की कोई पूछ नहीं हो रही। इसीलिए वे नए.नए हथकंडे अपनाकर चर्चाओं में रहना चाहते हैं। पिछले दिनों राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू जयपुर आई थी। तब सबने देखा कि उन्हें पार्टी की बैठक में घुसने तक नहीं दिया गया। पार्टी में उनकी कोई तवज्जो नहीं है।

जो लाशों पर राजनीति करता हो उसे गिरफ्तार करना चाहिए

पंचायती राज मंत्री रमेश मीना ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा कि जो लोग लाशों पर राजनीति करते हों, लोगों को धमकाते हों, खुद के खिलाफ कई केस दर्ज हों और जो खुद एक अपराधी हो, उसे तो गिरफ्तार किया जाना चाहिए। धमकी की कहानियां बनाकर सुरक्षा मांगी जा रही है, जो कि ठीक नहीं।

दोनों परस्पर घोर विरोधी, यह है कारण...

गौरतलब है कि बीजेपी सांसद किरोड़ीलाल और मंत्री रमेश मीना की पुरानी लड़ाई रही है। विधानसभा चुनाव में मंत्री रमेश मीना ने किरोड़ीलाल की पत्नी और बीजेपी प्रत्याशी गोलमा देवी को करौली की सपोटरा विधानसभा सीट से बड़े अंतर से चुनाव में हराया था, जिसके बाद से दोनों नेता समय-समय पर एक दूसरे पर हमलावर दिखाई देते हैं। वहीं किरोड़ी लाल पूर्वी राजस्थान के मीणा समुदाय के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव 2018 में रमेश मीना ने किरोड़ीलाल की राजनीतिक जमीन हिला दी थी। इसके अलावा किरोड़ीलाल के भतीजे को भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।

MLA रामलाल बोले- किरोड़ी को खरोंच भी आई तो आएगा भूकंप

प्रतापगढ़ से कांग्रेस विधायक रामलाल मीणा ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि किरोड़ीलाल मीणा को धमकी तक तो ठीक है, पर यदि खरोंच भी आई तो भूकंप आ जाएगा।। पार्टी अलग हो सकती है पर किरोड़ी मीणा गरीबों के मसीहा हैं। उनके मन में हमेशा सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की भावना है। यह सब जरूर किसी ने राजनीतिक दावपेच के लिए किया है। सीएम तह तक जाएंगे और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

गहलोत पर तानाशाही का लगाया था आरोप

गौरतलब है कि कांग्रेस के चिंतन शिविर शुरू होने से पहले किरोड़ीलाल मीणा उदयपुर पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से भेज दिया। इसके बाद मीणा ने कहा कि मैंने कोई शांतिभंग नहीं की है और ना ही अलोकतांत्रिक काम किया है, ये तो लोकतांत्रिक अधिकार की हत्या है। मैं उदयपुर में बीजेपी कार्यकर्ता के घर एक शोकसभा में गया था। मैंने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित तमाम नेताओं को पूरी जानकारी दे दी थी। उदयपुर संभाग में भुखमरी, देह व्यापार, धर्मांतरण, मानव तस्करी और रोजगार जैसे मुद्दे उठाना चाह रहा था। गहलोत की तानाशाही सरकार आदिवासियों के सिर्फ़ वोट ले सकती, आदिवासियों की आवाज़ दबाने का काम कर रही है।

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