देश में इन दिनों राष्ट्रपति चुनावों की चर्चा है। हालाँकि इस बार ख़ास बात ये है की NDA को इस बार बहुमत के लिए पूरा जोर लगाना पड़ रहा है। वैसे तो NDA बहुमत के काफी करीब लेकिन उसके बावजूद भी वो बहुमत से करीब 13 हजार वोट पीछे है। विपक्ष हालाँकि बहुमत से काफी पीछे है पर फिर भी उसका कहना है की वो राष्ट्रपति चुनाव में मजबूत स्थिति में है। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष एकजुट होकर बहुमत का आंकड़ा पूरा करने की पूरी फ़िराक में है और यही वजह भी है की इस संबंध में विपक्ष में लगातार हलचल देखने मिल रही है।
चूँकि NDA और UPA दोनों के ही पास बहुमत नहीं है तो ऐसे में जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy), के चंद्रशेखर (K Chandrashekhar) और नवीन पटनायक(Naveen Patnaik) की भूमिका दिलचस्प और अहम हो जाती है। UPA को तो जाहिर तौर पर इनका समर्थन चाहिए ही होगा क्यूंकि बहुमत का असली लोचा तो UPA के सामने ही है। लेकिन कमाल की बात ये NDA जो की बहुमत से कुछ कदम ही दूर है उसे भी इन तीनो में से कम से कम किसी एक का दामन तो हर हाल ही में ही थामना होगा। यही वजह है की अब छोटे क्षेत्रीय दलों को साथ लाने की कवायद लगातार जारी है।
आइये जानते है राष्ट्रपति चुनाव में कौन कितनी मजबूत स्थिति में है:
NDA बहुमत से मात्र13 हजार वोट की दूरी पर है और ये दूरी पाटने के लिए उसे जगमोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) या नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) में से किसी का भी समर्थन मिल जाए तो उसकी जीत निश्चित है। हाल ही में PM न रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) और पटनायक (Naveen Patnaik) दोनों से ही मुलाकात भी की थी जिसके बाद ये माना गया था की ये मुलाकात राष्ट्रपति चुनाव का ख्याल करते हुए ही की गई थी। वैसे थोड़ा पीछे जाकर देखे तो मालूम चलेगा की साल 2017 में दोनों ही दलों ने NDA को ही अपना समर्थन दिया था। ऐसे में संभव है की इस बार भी BJP इन दोनों को ही अपनी ओर साधने में कामयाब हो जाए।