शाहीन बाग़ में फिर से आंदोलन की तैयारी शुरू,नए मुद्दों पर होगा प्रदर्शन

नागरिक संशोधन एक्ट (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन फिर से शुरू हो सकता है। जिसको लेकर दिल्ली पुलिस हाईअलर्ट पर है।
शाहीन बाग़ में फिर से आंदोलन की तैयारी शुरू,नए मुद्दों पर होगा प्रदर्शन

न्यूज़- नागरिक संशोधन एक्ट (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन फिर से शुरू हो सकता है। जिसको लेकर दिल्ली पुलिस हाईअलर्ट पर है। इस बार सीएए-एनआरसी के अलावा कई दूसरे मुद्दे भी उठाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए सोशल मीडिया के जरिए लोगों को मैसेज भेजे जा रहे हैं। साथ ही पुलिस को प्रदर्शनकारियों के मूवमेंट की भनक न लगे, इसके लिए अगल से प्लान बनाया गया है। पिछले साल 15 दिसंबर को शाहीन बाग में प्रदर्शन शुरू हुआ था, जो 14 मार्च को कोरोना वायरस की वजह से खत्म कर दिया गया।

रिपोर्ट के मुताबित तीन जून को शाहीन बाग में महिलाएं अपने बच्चों के साथ फिर से प्रदर्शन करने वाली थीं। इस दौरान समय से कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उन्हें रोक दिया। पिछले 4-5 दिनों से इस आंदोलन की योजना तैयार की जा रही थी। साथ ही व्हाट्सएप और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया साइट्स के जरिए इसे हजारों लोगों तक पहुंचाया जा रहा था। इस अभियान का शीर्षक ' सब याद रखा जाएगा' रखा गया था। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शन को दोबारा से शुरू करने के लिए नए ट्विटर अकाउंट और व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए थे, ताकी पुलिस को प्रदर्शन की खबर न मिले।

इसके अलावा शाहीन बाग और जामिया इलाके में स्थित कुछ घरों में कई दौर की बैठकें भी हुई थीं। इस दौरान प्रदर्शन को पहले से भी बड़ा करने का प्लान बनाया गया। वहीं जो मैसेज महिलाओं को भेजा गया था, उसमें 200 संगठनों ने प्रदर्शन का आह्वान किया था। इन संगठनों के बारे में माना जाता है कि वे वामपंथी विचारधारा के हैं, उनमें से अधिकांश सीपीआई और सीपीएम से जुड़े हुए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर फिर से तंबू लगाकर उसे ब्लॉक करने की योजना बनाई थी, लेकिन वहां पर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों ने पहुंचकर योजना को नाकाम कर दिया। इसके अलावा शाहीन बाग, जामिया गेट और सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन समेत कई इलाकों में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं को इस बार प्रदर्शन में सीएए, एनआरसी के अलावा जामिया के छात्रों की गिरफ्तारी और जेएनयू में हुई हिंसा का मुद्दा उठाने को कहा गया था।

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