डेस्क न्यूज़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर से लड़ने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार करने की बात कही है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि बाल रोग विशेषज्ञों की टीम मिलकर इलाज का प्रोटोकॉल तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि इस समूह में सरकारी मेडिकल कॉलेज, स्वास्थ्य विभाग और चंडीगढ़ स्थित पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन माध्यम से वायरस संक्रमण की संभावित अगली लहर से लड़ने के लिए चल रही तैयारियों का जायजा लेते हुए कई निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों को कम से कम तीन दिनों तक की ऑक्सीजन की भंडारण क्षमता बढ़ानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में पाइप्ड O2 उपलब्ध कराया जाए। इस दौरान उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि राज्य के पास किसी भी समय कम से कम 375 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध हो।
राज्य की मुख्य सचिव विनी महाजन ने बैठक में बताया कि राज्य को जल सतह आपूर्ति परियोजनाओं के लिए विश्व बैंक के ऋण के एवज में सोमवार को 500 ऑक्सीजन सांद्रक मिले और अन्य 2,500 आने वाले हैं।
मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्तों को निजी क्षेत्र में पीडियाट्रिक कोविड-19 लेवल-2 और लेवल-3 बेड की पहचान करने के निर्देश दिए, जिसमें विशेषज्ञ जिला प्रशासन को पीडियाट्रिक प्रोटोकॉल और दवाओं पर सलाह देंगे।
सीएम अमरिंदर सिंह ने अधिकारियों को राज्य भर में आईसीयू, ऑक्सीजन क्षमता, बुनियादी ढांचे और मानव शक्ति को बढ़ाने के अलावा बच्चों के कोरोना परीक्षण के लिए आरटी-पीसीआर मशीनों की संख्या बढ़ाने का भी आदेश दिया।
तीसरी लहर से निपटने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उपकरण और डॉक्टरों, विशेषज्ञों, नर्सों आदि की भर्ती के अलावा अन्य संबंधित निर्देश दिए।