सम्पूर्ण Lockdown को लेकर Modi सरकार पर दबाव, IMA ने सरकार को लिखी चिट्ठी

देश में समूर्ण लॉकडाउन के लिए कई बड़े डॉक्टरों के बाद अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने केंद्र सरकार चिट्ठी लिख सुपूर्ण लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया है।
सम्पूर्ण Lockdown को लेकर Modi सरकार पर दबाव, IMA ने सरकार को लिखी चिट्ठी
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डेस्क न्यूज़: कोरोना की दूसरी लहर सामने आने के बाद, राज्य सरकारें Lockdown या कर्फ्यू का फैसला ले रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में यह भी कहा कि राज्य को इस पर निर्णय लेना चाहिए, लेकिन दिनोंदिन बिगड़ते हालात के बीच राज्यों की ये सख्ती नाकाफी साबित हो रही है। अब केंद्र सरकार पर देशव्यापी सख्त Lockdown की घोषणा करने का दबाव डाला जा रहा है। देश के कई प्रसिद्ध डॉक्टरों के बाद, अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है कि अगर देश को कोरोना से बचाना है, तो पूरे देश में सम्पूर्ण lockdown किया जाना चाहिए। राज्यों द्वारा छोटे चोट हिस्सो में लगाए जा रहे प्रतिबंधों का लाभ नहीं मिल रहा है। आपको बता दें, कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी पूरे देश में तालाबंदी की वकालत की है।

गुजरात में Lockdown करने का इरादा नहीं : रूपाणी

इस बीच, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कहा है कि गुजरात में Lockdown को आगे बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है। राज्य में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है। गांधीनगर जिले के कलोल तहसील के ओरसिया गाँव में "मेरा गाँव कोरोना मुक्त गाँव" अभियान के तहत ग्रामीणों के साथ बातचीत करते हुए, मुख्यमंत्री रूपानी ने गाँव में कोरोना महामारी के लिए की गई व्यवस्था और संक्रमित लोगों के बारे में चर्चा की।

उन्होंने कहा कि गुजरात में रात के कर्फ्यू और कोरोना नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार और ICMR द्वारा जारी गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। राज्य में अब तक ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है। रूपानी ने एक बार फिर कहा कि सरकार का गुजरात में Lockdown लागू करने का कोई इरादा नहीं है। मार्च 2021 में, गुजरात में 41 हजार बिस्तरों की एक प्रणाली थी, जो अब लगभग एक लाख तक पहुंच गई है। वर्तमान में राज्य में 55,000 आईसीयू और ऑक्सीजन-सहायक बेड हैं। राज्य के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिल रही है। रूपानी ने कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान, गुजरात के अस्पतालों को 250 टन ऑक्सीजन की जरूरत थी।

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