प्रियंका गांधी का केंद्र से सवाल -जब वैक्सींन देश के लोगों को ही लगनी है तो एक देश, तीन दाम क्यों

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा  ने सरकार से सवाल पूछने वाले अभियान "जिम्मेदार कौन" के तहत वैक्सीन उत्पादन के बाद अब केंद्र सरकार की वैक्सीन वितरण नीति पर सवाल उठाए हैं. प्रियंका ने कहा कि सरकार भारत की मात्र 3% जनसंख्या का फुल वैक्सीनेशन कर पाई है जो कि सुरक्षा कवच तैयार करने वाले वैक्सीनेशन टारगेट से बहुत पीछे है
प्रियंका गांधी का केंद्र से सवाल -जब वैक्सींन देश के लोगों को ही लगनी है तो एक देश, तीन दाम क्यों

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा  ने सरकार से सवाल पूछने वाले अभियान "जिम्मेदार कौन" के तहत वैक्सीन उत्पादन के बाद अब केंद्र सरकार की वैक्सीन वितरण नीति पर सवाल उठाए हैं. प्रियंका ने कहा कि सरकार भारत की मात्र 3% जनसंख्या का फुल वैक्सीनेशन कर पाई है जो कि सुरक्षा कवच तैयार करने वाले वैक्सीनेशन टारगेट से बहुत पीछे है. उन्होंने कहा कि ये हैरान करने वाली बात है कि दूसरी लहर के कहर के समय जब मोदी सरकार को वैक्सीन वितरण की व्यवस्था की बागडोर और ज्यादा मजबूती से अपने हाथों में लेनी था, उस समय सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए वैक्सीन वितरण का दारोमदार राज्य सरकारों पर डाल दिया.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार की वैक्सीन वितरण नीति पर सवाल उठाए 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने कहा कि सरकार ने अप्रैल तक लगभग 34 करोड़ वैक्सीनों का ऑर्डर ही दिया था. अभी की गति के अनुसार मई में प्रतिदिन औसतन मात्र 19 लाख लोगों को वैक्सीन लग रही है. सरकार ने दिसंबर तक सबको वैक्सीन देने का दावा तो किया है, लेकिन इसके लिए प्रतिदिन 70-80 लाख वैक्सीन लगाने की कोई कार्ययोजना देश के लोगों के सामने नहीं रखी है. प्रियंका ने वैक्सीन के तीन अलग-अलग दामों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि जब वैक्सीन देशवासियों को ही लगनी है तो ये भेदभाव क्यों. क्यों एक देश और वैक्सीन के तीन अलग-अलग दाम.

प्रियंका ने कहा कि केंद्र सरकार की दिशाहीन नीति के चलते कई राज्य, वैक्सीनों के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने को मजबूर हुए

यही नहीं, उन्‍होंने केंद्र सरकार की वैक्सीन वितरण की दिशाहीनता पर भी सवाल उठाए हैं. प्रियंका ने कहा कि केंद्र सरकार की दिशाहीन नीति के चलते कई राज्य, वैक्सीनों के लिए ग्लोबल टेंडर निकालने को मजबूर हुए. आज Moderna, Pfizer जैसी कम्पनियों ने राज्यों से सीधे वैक्सीन की डील करने से मना कर दिया है और केंद्र से डील करने की बात कही है. प्रियंका ने पूछा है कि आज आखिर क्यों ऐसी नौबत आई कि राज्य सरकारों को ग्लोबल टेंडर निकालकर आपस में ही प्रतिद्वंदिता करनी पड़ रही है.

उन्‍होंने केवल एप आधारित वैक्सीन वितरण प्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं

उन्‍होंने केवल एप आधारित वैक्सीन वितरण प्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि भारत में 60% आबादी के पास इंटरनेट नहीं है. शहरी क्षेत्रों में भी लोगों को कोविन एप में रजिस्टर करके वैक्सीन के स्लॉट पाने में दिक्कत हो रही है तो ग्रामीण क्षेत्रों में और इंटरनेट से वंचित लोगों के लिए वैक्सीन के स्लॉट पाना तो बड़ा मुश्किल होगा. आखिर क्यों सरकार ने वैक्सीन वितरण नीति बनाते समय डिजिटल साक्षरता एवं इंटरनेट की अनुपलब्धता जैसे बिंदुओं को ध्यान में नहीं रखा. प्रियंका ने कहा कि सरकार की वैक्सीन वितरण नीति एकदम ढुलमुल है. तमाम विशेषज्ञ लगातार आगाह करते रहे हैं कि कोरोना से निपटने के लिए ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन जरूरी है, लेकिन सरकार ने आज सबको वैक्सीन देने की योजना को गर्त में धकेल दिया है.

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