कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड के दौरे पर पहुंच कर मोदी सरकार पर हमला बोला है।राहुल गांधी बोले कि तीनों कृषि कानूनों की सच्चाई देश के अधिकांश किसानों को नहीं पता है, अगर वे समझ गए ,
तो पूरे देश में आंदोलन होगा, देश में आग लग जाएगी। इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट देश की अर्थव्यवस्था को
लेकर लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र और उनकी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा कि कैसे दुनिया की सबसे
तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक को बर्बाद किया जाए, इसका सबक मोदी सरकार से ले सकते हैं।
राहुल के बयान
वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कहा कि आप आज देश की स्थिति को जानते हैं, हर किसी के लिए यह स्पष्ट है कि क्या चल रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी 2-3 बड़े व्यापारियों के हित में सारी नीतियां बना रहे हैं। आज हर एक उद्योग पर 3-4 लोगों का एकाधिकार है। इससे पहले,
राहुल ने केंद्र सरकार से अपील की कि
कृषि कानूनों का वापस लिया जाए।
कृषि-विरोधी कानून वापस लिए जाएं – गांधी
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ” श्री मोदी की सरकार इस बात का सबक है कि कैसे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती
अर्थव्यवस्थाओं में से एक को बर्बाद किया जाए।” गांधी ने बुधवार को राष्ट्रपिता
महात्मा गांधी का एक वक्तव्य ट्वीट
किया और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। राहुल ने महात्मा गांधी के
‘विनम्र तरीके से आप
दुनिया हिला सकते हैं’ वक्तव्य को ट्वीट किया। राहुल गांधी ने आगे लिखा कि एक बार फिर मोदी
सरकार से अपील है कि तुरंत कृषि-विरोधी कानून वापस लिए जाएं।
भारत-चीन सीमा पर गतिरोध को लेकर – गांधी
गांधी ने भारत-चीन सीमा पर गतिरोध को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और आरोप लगाया कि वह देश को ‘कमजोर और तबाह कर रहे हैं। उन्होंने यह दावा भी किया कि पहली बार चीन के सैनिक भारतीय सीमा के अंदर बैठे हुए हैं।
आरएसस नफरत फैला रहा है
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि आरएसस नफरत फैला रहा है और देश की अर्थव्यवस्था के ध्वस्त होने के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, ”आपको पता है कि प्रधानमंत्री मोदी देश के ताने-बाने को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पहली बार चीनी सैनिक भारत की सीमा के अंदर बैठे हुए हैं। हमारी अर्थव्यवस्था जो कभी दुनिया में सबसे अच्छा कर रही थी, वो अब ध्वस्त हो चुकी है। हमारे नौजवानों को नौकरियां नहीं मिल सकतीं। यह सब आरएसएस की विचारधारा का नतीजा है।”
संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर रैली में अराजकता के लिए नैतिक जिम्मेदारी ली