सांसदों के फर्जी लेटर पैड के जरिए कंफर्म कराते थे रेलवे टिकट, आरोपियों के खुलासे पर रेलवे अधिकारी भी हैरान

सांसदों के फर्जी लेटर पैड पर रेलवे इमरजेंसी कोटे से वेटिंग सीट कंफर्म करने वाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 13 नेताओं के नकली लेटर पैड बरामद किए गए हैं। मामला उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल का है
सांसदों के फर्जी लेटर पैड के जरिए कंफर्म कराते थे रेलवे टिकट, आरोपियों के खुलासे पर रेलवे अधिकारी भी हैरान

सांसदों के फर्जी लेटर पैड पर रेलवे इमरजेंसी कोटे से वेटिंग सीट कंफर्म करने वाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 13 नेताओं के नकली लेटर पैड बरामद किए गए हैं। मामला उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल का है।

सांसदों के फर्जी लेटर पैड पर रेलवे इमरजेंसी कोटे से वेटिंग सीट कंफर्म करने वाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया गया

17 जून को लखनऊ से मुंबई जाने वाली पुष्पक ट्रेन में पुष्पक

एक्सप्रेस के स्लीपर में टिकट कन्फर्म करने के लिए सांसद

(राज्यसभा) एनसीपी महाराष्ट्र देवीप्रसाद त्रिपाठी के लेटर पैड पर

इमरजेंसी कोटा लगाया गया था. लेटर पैड को डीआरएम कार्यालय में लगे ड्रॉप बॉक्स में डाल दिया।

रेलवे अधिकारियों ने लेटर पैड चेक किया तो उस पर लिखे मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया।

लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद जांच टीम ने ट्रेन में सवार यात्रियों से संपर्क किया, जहां बातचीत में पता चला कि ठाकुरगंज निवासी आईआरसीटीसी एजेंट सैयद सलीम हुसैन से टिकट करवाया गया है।

रेलवे अधिनियम की धारा 143 और 143बी के तहत मामला दर्ज किया है

उसे आरपीएफ की टीम ने पकड़ लिया। उसके पास से 51 टिकट और 32,800 रुपये बरामद किए गए हैं। मामले की जांच कर रहे वरिष्ठ डीओएम अजीत कुमार सिन्हा और वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त अभिषेक कुमार ने रेलवे अधिनियम की धारा 143 और 143बी के तहत मामला दर्ज किया है.

जालसाज पंकज सिंह कुशवाहा के पास से 13 लेटरपैड बरामद हुए

वहीं पकड़े गए जालसाज पंकज सिंह कुशवाहा के पास से 13 लेटरपैड बरामद हुए, जो पांच अलग-अलग नेताओं के नाम थे. शातिर ने बताया कि टिकट कन्फर्म करने के लिए इस्तेमाल किए गए सभी लेटर पैड फर्जी हैं। लेटरपैड अपर यात्रियों की डिटेल अपनी बेटी से भरवाता था। खाली वीआईपी कोटे के खाली आवेदन पत्र भी मिले हैं।

फर्जी लैटर पैड का पुराना है कारोबार

दरअसल, रेलवे के इमरजेंसी कोटे पर हमेशा जालसाजों की नजर रहती है. इससे पहले भी फर्जी लेटर हेड का मामला पकड़ा जा चुका है, जिसकी जांच सीबीई तक की टीम कर चुकी है। जबकि लॉक डाउन से पहले उत्तर पूर्व रेलवे के सेवानिवृत्त अधिकारी एमपी सिंह ने भी चेकिंग के दौरान बिहार के सांसदों के फर्जी लेटर पैड पर कोटा लगाने का मामला पकड़ा था. मामले की जांच के लिए आरपीएफ की टीम बिहार गई थी।

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