प्रदेश में विधायकों को विकास के कामों के लिए MLA फंड 2.25 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ करने के आदेश जारी हो गए हैं, लेकिन इस साल ज्यादातर पैसा कोविड मैनेजमेंट में खर्च होगा। विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र में 5 करोड़ में से केवल 75 लाख के विकास काम ही करवा सकेंगे, बाकी सारा पैसा वैक्सीनेशन और कोविड मैनेजमेंट पर खर्च होगा। हर विधायक के फंड में से 3 करोड़ रुपए 18 साल से 44 साल एजग्रुप के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए काम ली जाएगी।
18 साल से उपर वालों के वैक्सीनेशन के लिए सरकार विधायक फंड से 600
करोड़ रुपए सीधे काटकर सीएम रिलीफ फंड के वैक्सीनेशन अकाउंट में जमा
किए जाएंगे। इस पैसे के लिए विधायकों की सिफारिश की जरूरत नहीं होगी।
यह सीधा जमा होगा।
200 विधायकों के हिसाब से यह फंड 1000 करोड़ का होता है।
इसमें से प्रति विधायक 3 करोड़ रुपए के हिसाब से 600 करोड़ वैक्सीनेशन के लिए सीधे कटेंगे।
गरीबों को फूड पैकेट बांटने के लिए प्रति विधायक 25 लाख के हिसाब से 50 करोड़ सीधे कटेंगे। प्रति विधायक 1 करोड़ रुपए मेडिकल इुंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होंगे, इस तरह यह रकम 200 करोड़ होती है। 1000 करोड़ के विधायक फंड में से 850 करोड़ कोविड पर खर्च होंगे। प्रति विधायक 75 लाख रुपए ही विकास कामों पर खर्च हो सकेंगे।
विधानसभा में मार्च में जिस दिन बजट पास हो रहा था उस वक्त केवल 8 मिनट के भीतर विधायक फंड को सालाना 2.25 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ करने की घोषणा की गई थी। एक साथ पौने तीन करोड़ रुपए हर विधाायक का फंड बढ़ाया गया था। अब राजस्थान सरकार ने हर विधाायक के फंड में से 3 करोड़ रुपए वैक्सीनेशन के काम में लेने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों विधायकों से इस बारे में अपील भी की थी। कुछ अन्य राज्यों में भी इसी तरह की तैयारी हो रही है।