जयपुर नगर निगम हेरीटेज का 784.6 करोड़ रुपये का पहला बजट 9 फरवरी को पेश होने जा रहा है। लोगों को नए निगम से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन ऐसा लगता है नगर निगम के पार्षदों की फ्रिक ज्यादा हैं। पहले ही बजट में पार्षदों के भत्ते को बढ़ाने की तैयारी की गई है। यही नहीं, उन्हें लैपटॉप भी दिए जाएंगे। आपका कर के पैसा से सैर सपाटा भी करवाया जाएगा। यह सब तब किया जा रहा है जब उसी शहर की सरकार को विकास के नाम पर 500 करोड़ रुपये का कर्ज लेना पड रहा है।
दरअसल, शहर की सरकार ने विकास के लिए 246 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सीसीटीवी कैमरे लगाने
का भी प्रस्ताव है। जलमहल के कायाकल्प के लिए भी तैयारी की गई है। इसमें नई सड़कें, नालियां, सीवर
लाइनें, बिजली की लाइनों के अलावा परकोटे के हेरीटेज इमारतों के विकास और संरक्षण शामिल हैं।
परकोटा क्षेत्र के संरक्षण के लिए नगर निगम ने 50 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है,
जो विश्व विरासत शहर में शामिल हो गया।
जयपुर शहर ग्रेटर निगम से 34 करोड़
कम का है हेरिटेज का बजट
9 फरवरी को बुलाई गई इस आम बैठक में वित्त वर्ष 2021-22 के बजट के अलावा कई नए प्रस्ताव रखे जाएंगे। पार्षदों के भत्ते बढ़ाने,
उन्हें लैपटॉप देने,सैर-सपाटा करवाने, जल महल को पर्यटन
स्थल बनाने, नालियों को कवर करने सहित अन्य प्रस्ताव हैं। गौरतलब है कि
नगर निगम ग्रेटर से हेरिटेज का बजट लगभग 34 करोड़ कम होगा। वहां 821.60 करोड़ का बजट पेश किया गया था।
सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसीटीवी कैमरे लगेंगे
बढ़ती चोरी और आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
इसके लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा सकता है। इस राशि से, मुख्य सड़क के अलावा गली-मुहल्लों के
प्रवेश-निकास स्थानों पर कैमरे लगाए जाएंगे। ताकि वहां आने-जाने वालों पर नजर रखी जा सके।
500 करोड़ का कर्ज लेने की तैयारी
नगर निगम ग्रेटर की तरह हेरिटेज ने भी 500 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की तैयारी कर ली है। महासभा में एक
प्रस्ताव लाया जाएगा, जिसमें ऋण देने वाली संस्था हुडको से यह ऋण लेने का प्रस्ताव है। खास बात यह है कि
तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए तुरंत 30 करोड़ रुपये लेने का भी प्रस्ताव है। इसमें से 10 करोड़ रुपये
बैंक से निकाले जाने और 20 करोड़ रुपये के अल्पकालिक ऋण का प्रस्ताव है।
नवंबर तक 246 करोड़ की आय और अब तक 236 करोड़ खर्च
वित्तीय वर्ष 2020-21 की बात करें तो 729.26 करोड़ के बजट में, नवंबर 2020 तक, नगर निगम ने सभी मदों से
246.64 करोड़ रुपये कमाए हैं, जबकि विभिन्न मदों पर 236.31 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। यह राशि स्वीकृत
बजट का केवल 34 प्रतिशत है। इससे पहले जब 11 जनवरी को महासभा की बैठक प्रस्तावित थी, तब निगम का
898 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया था, लेकिन ग्रेटर का बजट देखकर इसे काट दिया गया था।
अक्टूबर 2019 में अस्तित्व में आया था नगर निगम हेरिटेज
वर्ष 2018 में राज्य की सत्ता में आने के बाद, गहलोत सरकार ने अक्टूबर 2019 में जयपुर नगर निगम का पुनर्गठन किया
और इसे दो नगर निगमों में विभाजित किया जयपुर नगर निगम ग्रेटर और जयपुर नगर निगम हेरिटेज।
नगर निगम ग्रेटर में 150 वार्ड बनाए गए, जबकि हेरिटेज में 100 वार्ड। इन सभी वार्डों के गठन और उन पर
सार्वजनिक आपत्तियों के निपटान के बाद, 6 जनवरी 2020 को एक राजपत्र जारी किया गया और अस्तित्व
में लाया गया। जयपुर के अलावा, कोटा और जोधपुर में नगर निगम का पुनर्गठन करके दो नगर निगम बनाए गए थे।