पॉलिटिकल डेस्क. राजस्थान में सियासी संकट बढ़ता जा रहा है और कई बातों को लेकर असमंजस बना हुआ है. इस बीच आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए सौ से अधिक विधायकों की परेड मीडिया के सामने करवाकर यह प्रमाणित करने का प्रयास किया है कि उनकी कुर्सी और कांग्रेस सरकार दोनों सुरक्षित हैं.
अशोक गहलोत ने मीडिया के सामने विजयी चिन्ह बनाते हुए स्पष्ट किया कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है. गहलोत के इस कदम से बागी रुख अपनाने वाले सचिन पायलट के दावे झूठे साबित हो रहे हैं. अशोक गहलोत ने संदेश दिया है कि उनके पास बहुमत है. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि जो विधायक बैठक में नहीं आएगा उस पर कार्यवाही की जाएगी. वहीं सचिन पायलट ने साफ किया है कि वह बैठक में नहीं आएंगे.
प्रियंका गांधी खुद इसकी मध्यस्थता कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गहलोत और पायलट दोनों से बात कर रही हैं। ऐसे में, जानकारी के मुताबिक, पायलट ने हाईकमान के सामने कुछ मांगा। सूत्रों के अनुसार, पायलट गृह और वित्त विभाग इसे अपने पास रखना चाहते हैं। इसके साथ ही उनके करीबी 4 विधायकों को मंत्री बनाए जाने की मांग की है। साथ ही पायलट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद भी अपने पास रखना चाहते हैं।
जयपुर में सीएम आवास पर शक्ति प्रदर्शन से पहले दिल्ली से गए कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सचिन पायलट को बैठक में आने के लिए आमंत्रित किया। सुरजेवाला ने कहा था कि राजस्थान की भलाई व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा से अलग है। सुरजेवाला ने सभी विधायकों, मंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों को बैठक में आने के लिए कहा था।
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