WATCH VIDEO- नियति: संतान जन्म के समय मां से शर्त.. बच्ची या मां दोनों में से एक ही बचेगा, मां ने कहा.. बेटी बचाओ, क्योंकि मां तो मां है...

31 वर्षीय सुहानी चौपड़ा पत्नी विश्रुत जैन अपने बच्चे को जन्म देकर दुनिया से रुखसत हो गई। इस मंजर का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि डिलवरी के बाद ही डॉक्टरों ने बच्ची से मां को रूबरू कराया। मां उसे खूब लाड करती है...और भी बेइंतहां करना चाहती है... लेकिन नियति है कि उसे दुनिया छोड़नी पड़ती है... और पीछे छोड़ जाती है... घर में किलकारी और दो लोगों के जीवन में रोशनी.. मां तुम्हें प्रणाम है...
WATCH VIDEO- नियति: संतान जन्म के समय मां से शर्त.. बच्ची या मां दोनों में से एक ही बचेगा, मां ने कहा.. बेटी बचाओ, क्योंकि मां तो मां है...
मां सुहानी गंभीर बीमारी से जूझ रही थी, डॉक्टरों ने मां से साफ कहा था कि बच्चे और मां में से किसी एक को बचाया जा सकता है, सुहानी ने बच्ची का जीवन चुना

कहते हैं मां का दर्जा भगवान से भी बढ़कर है... क्योंकि मां तो मां होती है.... उसे अपनी संतान की खुशियों से बढ़कर अपने लिए कुछ नहीं चाहिए होता....। ऐसे में जब बड़ी मिन्नतों से मां बनने का सुख मिले और जब संतान दुनिया में कदम रखने ही वाली हो तब ​मां के समक्ष समय का विधान ये शर्त रख दे कि.... संतान चाहिए तो तुम्हे दुनिया को अलविदा कहना होगा... और इस शर्त के बावजूद मां फैसले पर अटल रहती है.... क्योंकि मां तो मां होती है.... और ये मां संतान की दस्तक के बदले खुद की रुखसती को नियति में बदल देती है... मां कहती है मुझे मेरी संतान चाहिए... मुझे मरी प्यारी बेटी चाहिए... नन्हीं परी चाहिए... ये कोई इमोशनल सीन की स्क्रिप्ट नहीं बल्कि हकीकत है जो हाल ही में जोधपुर में हुई।

दरअसल यहां शास्त्री नगर निवासी 31 वर्षीय सुहानी चौपड़ा पत्नी विश्रुत जैन अपने बच्चे को जन्म देकर दुनिया से रुखसत हो गई। इस मंजर का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि डिलवरी के बाद ही डॉक्टरों ने बच्ची से मां को रूबरू कराया।

मां उसे खूब लाड करती है...और भी बेइंतहां करना चाहती है... लेकिन नियति है कि उसे दुनिया छोड़नी पड़ती है।

बच्ची के जन्म के कुछ देर बाद ही मां की मौत हो गई। मौत के बाद भी मां ने अपनी आंखे दान की। ये वीडियो जिसने भी देखा उसका दिल पसीज गया। मां उसे जीभर के देख भी नहीं पाई। अब अपनी आंखे दान कर वो मां अपने घर में किलकारी तो अन्य का जीवन रोशन कर गई।

<div class="paragraphs"><p>नवजात बच्ची भी का इस तरह रोना भी इस तरह लग रहा था जैसे बच्ची भी अपनी मां की रुखसती की बात कहीं न कहीं जानती हो...</p></div>

नवजात बच्ची भी का इस तरह रोना भी इस तरह लग रहा था जैसे बच्ची भी अपनी मां की रुखसती की बात कहीं न कहीं जानती हो...

8 घंटे तक चले ऑपरेशन में मां और बच्चे दोनों को बचाने का काफी प्रयास किया लेकिन...

जानकारी के अनुसार डिलीवरी के समय डॉक्टर ने इस बात को साफ किया था कि बच्चे और मां में से किसी एक को ही बचाया जा सकता है।

तब मां ने डॉक्टर से बच्चे को बचाने की गुजारिश की। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने 8 घंटे तक चले ऑपरेशन में मां और बच्चे दोनों को बचाने का काफी प्रयास किया।

लेकिन नियति तो कुछ ओर ही थी.. बच्चे के जन्म के बाद मां ने अंतिम बार बच्चे को चूमा और चेहरे पर एक मुस्कान लिए इस दुनिया से रुखत हो गई। यह देख वहां मौजूद चिकित्सकों भी अपने आंसू नहीं रोक पाए।

जब परिवार ने सुहानी के नेत्रदान करने की इच्छा जताई तो अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् की शाखा परिषद् तेरापंथ युवक परिषद् सरदारपुरा ने नेत्रदान में सहयोग दिया। नेत्रदान के संभाग प्रभारी कैलाश जैन व संयोजक विकास चौपड़ा ने बताया कि परिजनों से सहमति ली गई।

एएसजी आई हॉस्पिटल की आई बैंक के टीम लीडर गोपाल नाथ, टेक्नीशियन प्रमोद व सूरज के साथ उनके निवास पर पहुंच सुहानी चौपड़ा के दोनों कॉर्निया टीम की ओर से लिए गए। अब इन्हें दो नेत्रहीन व्यक्तियों में ट्रांस्पलांट कर उनके जीवन को रोशन किया जाएगा।

WATCH VIDEO- नियति: संतान जन्म के समय मां से शर्त.. बच्ची या मां दोनों में से एक ही बचेगा, मां ने कहा.. बेटी बचाओ, क्योंकि मां तो मां है...
IPL 2022 Auction: 2018 के बाद IPL का पहला मेगा ऑक्शन, सबसे बड़ी 2 करोड़ बेस प्राइस लिस्ट में रविचंद्रन अश्विन सहित 17 भारतीय शामिल‚ जानिए कौन कितना महंगा

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com