केशव विद्यापीठ जामड़ोली में गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया गया. विद्यापीठ के स्टेडियम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने ध्वजारोहण किया. इस मौके पर संघ प्रमुख डॉ.मोहन भागवत मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे. जेपी सिंघल और ओमप्रकाश गुप्ता ने विद्यापीठ में स्वागत किया. संघ प्रमुख डॉ.मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि सार्वभौमिक प्रभुसत्ता का प्रतीक तिरंगा है.
तिरंगे में ही हमारा गंतव्य निहित भारत को भारत के नाते ही दुनिया में बड़ा करना है. केसरिया राष्ट्रध्वज के मूर्धन्य स्थान पर विराजमान है. हमारे यहां पर तो ज्ञान की परंपरा है. ज्ञान त्याग और कर्मशीलता का प्रतीक भगवा है. ज्ञानशील त्यागी लोगों का देश भारत को बनाएंगे. दुनिया के हित में सतत कर्मशील रहने वाला देश भारत को बनाएंगे. सर्वत्र पवित्रता का प्रतीक सफेद रंग है. अंतर्बाह्य शुचिता का प्रतीक हमे बनना है. अयं निज परो वेति गणना लघु चेतसम का उदाहरण दिया. शुभ्र रंग पवित्रता और अपनापन का प्रतीक है.
तिरंगे का हरा रंग समृद्धि और लक्ष्मी जी का प्रतीक है. संघ प्रमुख डॉ.मोहन भागवत ने डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर के दो भाषणों का भी उदाहरण देते हुए कहा कि आज के दिन अवश्य पढ़ना चाहिए. सामाजिक विषमता की गुलामी को हटाने के लिए राजनैतिक और आर्थिक समानता का प्रावधान संविधान में कर दिया गया है. हमें समानता का स्वतंत्रता का व्यवहार करना है.
बाबा साहब ने कहा था अपना देश आपस में लड़कर गुलाम हुआ. किसी दुश्मन की वजह से नहीं हुआ. लिबर्टी और इक्वलिटी के साथ फेटरलिटी की भागवत ने बात कही. सम्पूर्ण समाज विविधता के बावजूद बंधुता वाला समाज हो. सभी का अभिनंदन किया मोहन भागवत ने अगले गणराज्य दिवस तक हम कितना आगे बढ़ेंगे यह संकल्प हम ले. सभी को शुभकामनाएं देते हुए संबोधन समाप्त किया.