वाह रे! सरकार: जिस अफसर को ACB ने 2 साल पहले 4 लाख रिश्वत लेते पकड़ा उसे ही बना दिया मंत्री गुढ़ा का विशेष सहायक

मंत्री गुढ़ा के विशेष सहायक के पद पर ऐसे अधिकारी की तैनाती होते ही प्रशासनिक और राजनीतिक हलके में चर्चाओं का दौर शुरू‚ ये पहली बार नहीं‚ आरएसएलडीसी रिश्वत कांड में ACB में मामला दर्ज होने के बावजूद IAS नीरज के पवन को हाल ही में बीकानेर संभागीय आयुक्त के पद पर तैनात किया।
बंशीधर कुमावत 2008 से 2013 तक कांग्रेस शासन के दौरान दो बार तत्कालीन संसदीय सचिव बृहदेव कुमावत के विशेष सहायक रहे थे।

बंशीधर कुमावत 2008 से 2013 तक कांग्रेस शासन के दौरान दो बार तत्कालीन संसदीय सचिव बृहदेव कुमावत के विशेष सहायक रहे थे।

एक लोकोक्ति प्रचलित है की जब पूरे कुएं में भांग मिली हो तो किससे बेहतरी की उम्मीद की जाए.... यानि सब के सब अनुचित हों तो किस से अच्छा होने की आस करें.... राजस्थान सरकार के मौजूदा निर्णय से तो यही लोकोक्ति चरितार्थ हो रही है। दरअसल कैबिनेट फेरबदल के करीब डेढ़ महीने बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव बंशीधर कुमावत को ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा का विशेष सहायक नियुक्त किया है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि बंशीधर कुमावत को एसीबी ने आज से करीब ढाई साल पहले एक दलाल के माध्यम से चार लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था।

कब और कैसे पकड़ा गया था अधिकारी
बंशीधर कुमावत को 4 सितंबर 2019 को खान विभाग में संयुक्त सचिव रहते हुए 4 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने रंगेहाथ पकड़ा था। इसके बाद कुमावत को सस्पेंड कर दिया गया। बंशीधर कुमावत सितंबर 2019 से 27 अक्टूबर 2020 तक निलंबित रहे। फिर इसके ​बाद अक्टूबर 2020 में बहाल हुए। 5 जनवरी 2021 तक एपीओ रहने के बाद 6 जनवरी 2021 से अल्पसंख्यक विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर थे।

अभी तक दागी अधिकारियों को मंत्रियों के विशेष सचिव के पद पर पोस्टिंग नहीं दी जाती थी

मंत्री गुढ़ा के विशेष सहायक के पद पर ऐसे अधिकारी की तैनाती होते ही प्रशासनिक और राजनीतिक हलके में चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है। मंत्री को विशेष सहायक के पद पर दागी अधिकारी को जिम्मेदारी देने पर अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक दागी अधिकारियों को मंत्रियों के विशेष सचिव के पद पर पोस्टिंग नहीं दी जाती थी। ऐसे में ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं अधिकारी ने कही बड़ी पहुंच का तो इस्तेमाल नहीं किया।

ACB को छापेमारी में मिले थे 17 प्लॉट-दुकान के दस्तावेज
जिस समय कुमावत को ट्रेप किया गया उस समय एसीबी को उसके घर की तलाशी में करोड़ों की जमीन में निवेश के दस्तावेज मिले थे। बंशीधर कुमावत के घर से 17 प्लॉट-दुकान और 18 बीघा जमीन के दस्तावेज मिले हैं। जयपुर, अजमेर, किशनगढ़ रेनवाल में 6 भूखंड व मकान, कुमावत की पत्नी के नाम अजमेर में 2 भूखंड, किशनगढ़, अजमेर, नाथद्वारा व जयपुर में 9 भूखंड व दो दुकानों के दस्तावेज मिले थे।

संसदीय सचिव विशेष सहायक भी रहा रिश्वत का आरोपी अधिकारी

बंशीधर कुमावत 2008 से 2013 तक कांग्रेस शासन के दौरान दो बार तत्कालीन संसदीय सचिव बृहदेव कुमावत के विशेष सहायक रहे थे। बंशीधर कुमावत संसदीय सचिव ब्रह्मदेव कुमावत के विशेष सहायक भी रहे। पहले वे जनवरी 2009 से अगस्त 2012 तक विशेष सहायक रहे, फिर जेडीए में छह महीने तक डिप्टी कमिश्नर रहने के बाद, फिर से संसदीय सचिव के विशेष सहायक का पद संभाल लिया।

सीएम के भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई दावों के बावजूद अधिकारी को प्राइम पोस्ट, ऐसा पहली बार नहीं

बंशीधर कुमावत एकमात्र ऐसे अधिकारी नहीं हैं जिन्हें उनके दागी रिकॉर्ड के बावजूद महत्वपूर्ण पोस्टिंग दी गई है। आरएसएलडीसी रिश्वत मामले में एसीबी में मामला दर्ज होने के बावजूद आईएएस नीरज के पवन को हाल ही में बीकानेर संभागीय आयुक्त के पद पर तैनात किया गया है। इसके अलावा भी दागी रिकॉर्ड वाले अधिकारियों को अच्छी पोस्टिंग मिली है। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई बार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के बयान अब सतही लग रहे हैं। सीएम के दावों के बावजूद दागी अधिकारियों को सरकार में अहम पद दिए जा रहे हैं।

<div class="paragraphs"><p>बंशीधर कुमावत 2008 से 2013 तक कांग्रेस शासन के दौरान दो बार तत्कालीन संसदीय सचिव बृहदेव कुमावत के विशेष सहायक रहे थे।</p></div>
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